दिल्ली ही नहीं देश के कर्ई शहरों में बुलडोजर आतंक के जरिए सरकारी जमीन, सडक़ों, पटरियों पर बने मकानों दुकानों, खोखो को हटाया जा रहा है. इस के सत्ता में बैठे हुए लोगों को बड़े फायदे हैं. पहली बात तो यह कि शोर मचाया जाता है कि यह मुसलिम इलाकों में ज्यादा किया जा रहा है जहां बुलडोजर का खौफ दिखा कर समझाया जा रहा है कि ङ्क्षहदुस्तान में रहना है तो हक न मांगों, दया पर रहो.

दूसरा, दलितों और गरीबों के घर उखाड़ कर उन्हें मजबूर किया जा रहा है कि वे या तो गांव चले जाए जहां सस्ते में काम करें या शहरों में ऊंची जमात के ङ्क्षहदू घरों और दुकानों में सस्ते में काम करे.

तीसरे, पटरियों पर दुकानों जो सस्ते में सामान बेच लेती थीं, उन के न रहने पर पक्की दुकानों के ऊंची जाति वाले मालिकों को मुनाफा बढ़ जाएगा. लोगों को उन्हीं से सामान खरीदना पड़ेगा.

चौथा, सब से बड़ा फायदा है कि देश में पुलिस राज कायम हो चुका है जो मंदिरों का गुणगान करने वाले पौराणिकवादी चलाते हैं, यह सब को पता चल जाएगा.

इस सारे चक्कर में किसी मंदिर को नहीं गिराया जाएगा ने मंदिर के चारों और बनी वीसियों पक्कीकच्ची दुकानों की क्योंकि मंदिर पर टिकी ङ्क्षजदगी के लिए यह जरूरी है. आज सत्ता में सब से बड़ा फायदा मंदिर मालिकों को हो रहा है, जो पहले साइकिल पर चलते थे अब स्कोॢपयों में घूमते है, जहां एक कमरे का मंदिर होता था वहां 20 कमरों का आश्रम है जो हर रोज बढ़ रहा है. बलडोजर आतंक इस बारे में पूरा साथ दे रहा है.

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