जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश में आई है देशद्रोह गंभीर हो गया है. जहां 2014 में 30 मामलों में 73 लोगों को 2016 में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया और सीखचों के पीछे डाल दिया गया. 2019 तक यह संख्या बढ़ कर 93 मामले और 98 गिरफ्तारियां हो गई. 2020 व 2021 में कोविड के कारण सरकार वैसे व्यस्त रही पर गिरफ्तार आमतौर पर बिना जमानत के जेलों में रहे.

देशद्रोह का मतलब होता है देश के प्रति कुछ ऐसा करना जिस से देश के आस्तित्व को आंच आए और उस के टुकड़े होने की आशंका हो. पर असल में देशद्रोह नई परिभाषा के अनुसार हर वह हो गया है जो पौराणिक ङ्क्षहदू मान्यताओं के आगे सिर न झुकाए और भेदियों के साथ राजाओं के आगे सिर झुका कर न चलें.

देश की जनता को पाठ पढ़ा दिया गया है कि देश के शासक, उस का ज्ञान, इस का इतिहास, उस की गरिमा इतनी महान है कि उन के बारे किसी तरह का तर्क, तथ्य या प्रश्न सीधा धर्म और देश के विरुद्ध विद्रोह है और प्रश्न करने वालों को जेल में डाल देना ही सही है चाहे उन की संख्या कैसी भी हो देश की जनता के एक हिस्से का विश्वास है कि देश की 80' जनता देशद्रोही है, जी हां 2 तिहाई से ज्यादा, और वे ही देश भक्त है जो ‘जय यह जय वह के बारे सुबह, दोपहर, शाम, रात को लगाते हों. सरकार ने तो यह नीति बनाई पर जनता के प्रभावशाली वर्ग को यह इतनी भाई कि उस ने तुरंत इसे लपक लिया और वे पैसा मिलने पर या न मिलने पर भी इसे दुष्प्रचार को फैलाने में लग गए.

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