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कहते हैं सच्चा प्यार न कभी झुका है और न झुकेगा. चाहे मोहब्बत करने वालों का जमाना ही दुश्मन बन बैठे. मोहब्बत न कालागोरा देखती है और न ही धर्मजाति. मोहब्बत तो मोहब्बत है. चाहे जमाना लाख कोशिश करे, लेकिन मोहब्बत की डोर कभी कमजोर नहीं पड़ती.वैसे प्यार ने किसी बंदिश के आगे हार नहीं मानी. लेकिन बेदर्द जमाना 2 प्यार करने वालों को जीने नहीं देता. वही अगर प्रेमी युगल अलग संप्रदाय से ताल्लुक रखते हों तो दोनों की जान पर बन आती है.

यही सूरज और मोमिन खातून की प्रेम कहानी में हुआ. दोनों के अलगअलग संप्रदाय के होने के कारण उन के प्यार के बीच धर्म की दीवार आ खड़ी हुई. दोनों को प्यार की मंजिल पाने के लिए 2 साल की लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. तब कहीं जा कर 13 जुलाई, 2022 को प्रेमी जोड़े को सफलता मिली.हालांकि इस शादी को ले कर प्रेमी युगल के परिवार वालों को कोई आपत्ति नहीं थी. लेकिन जब बात आती है धर्म के ठेकेदारों की तो ऐसे मामले में वह धर्म की दीवार बन कर आ खड़े होते हैं.

मोमिन खातून की शादी से उस के घर वालों को कोई ऐतराज नहीं था. लेकिन इस शादी के होते ही मुसलिम समुदाय के कुछ संगठनों की आंखों में यह शादी किरकिरी बन गई थी.जहां एक तरफ इस प्रेमी युगल की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन ने पूरी तरह से कमर कस ली थी तो वहीं विश्व हिंदू परिषद के जिला महामंत्री गौरव सिंह ने भी इस प्रेमी युगल की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ली थी.इस प्रेम कहानी की शुरुआत कैसे हुई, यह भी एक विचित्र कहानी है. यह सत्य ही है कि इंसान जिस जाति में जन्म लेता है, वह उसी के रंग में रंग जाता है. फिर उसे समाज के अनुसार ही सारे संस्कार भी निभाने पड़ते हैं. यही मोमिन खातून के साथ भी हुआ था.

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