रियल एस्टेट कारोबारी संजय यादव ने जुलेखा से पीछा छुड़ाने के लिए उसे ठिकाने लगवा दिया था. सभी आरोपी निश्चिंत थे कि पुलिस उन तक नहीं पहुंचेगी, लेकिन पुलिस को एक सुराग ऐसा मिला कि...
जुलेखा लखनऊ के आलमबाग स्थित अमित इंफ्रा हाइट्स प्रा.लि. नाम की रियल एस्टेट कंपनी में नौकरी करती थी. 3
अगस्त, 2019 को भी वह रोजाना की तरह हंसखेड़ा स्थित अपने घर से ड्यूटी के लिए निकली थी, लेकिन शाम को निर्धारित समय पर घर नहीं पहुंची तो मां शरबती को चिंता हुई.
भाई नफीस ने जुलेखा के मोबाइल पर फोन किया, लेकिन उस का फोन स्विच्ड औफ मिला. कई बार कोशिश करने के बाद भी जब फोन पर जुलेखा से संपर्क नहीं हो सका तो उस ने मां शरबती को समझाते हुए कहा, ‘‘अम्मी, हो सकता है कंपनी के काम में ज्यादा व्यस्त होने की वजह से जुलेखा ने अपना फोन बंद कर लिया हो. आप परेशान न हों, देर रात तक घर लौट आएगी.’’
कभीकभी औफिस में ज्यादा काम होने पर जुलेखा को घर लौटने में देर हो जाती थी. तब वह घर पर फोन कर के सूचना दे दिया करती थी. लेकिन उस दिन उस ने देर से लौटने की कोई सूचना घर वालों को नहीं दी थी, इसलिए सब को चिंता हो रही थी.
ये भी पढ़ें- एक रोटी के लिए हत्या
जुलेखा का एक दोस्त था श्रेयांश त्रिपाठी. नफीस ने सोचा कि कहीं वह उस के साथ तो नहीं है, इसलिए उस ने बहन के बारे में जानकारी लेने के लिए श्रेयांश को फोन किया. लेकिन उस का फोन भी बंद मिला.