सौजन्य: सत्यकथा

रोजाना की तरह 23 दिसंबर, 2021 को भी लुधियाना अदालत अपने नियत समय पर खुली थी. वकीलों और मुवक्किलों का आवागमन बदस्तूर जारी था. हालांकि अदालत परिसर में 13 गेटों में से 7 गेट ही खुले हुए थे और बाकी के 6 गेट पहले की तरह ही बंद थे.

मुख्य गेट पर लगे मेटल डिटेक्टर से ही हो कर सभी को अंदर जाना होता था और वहां सिक्योरिटी भी मुस्तैद थी. यही नहीं, अदालत परिसर के करीब 7 मुख्य पौइंट्स पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, जिन में से 3 चल रहे थे और बाकी 4 कैमरे बंद पड़े थे.

3 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ही अदालत परिसर में आनेजाने वाले लोगों पर निगरानी रखी जा रही थी. एक खास बात यह थी कि कई दिनों से चले आ रहे वकीलों का आंदोलन भी स्थगित था, इसलिए रोजमर्रा की अपेक्षा भीड़ थोड़ी कम थी.

मुकदमों की फाइलें अदालतों में लग चुकी थीं. न्यायाधीश अपनेअपने कमरों में आसन पर विराजमान हो मुकदमों को अंतिम रूप देने में मशगूल थे. वकीलों से न्यायालय कक्ष भरे पड़े थे. उसी बीच एक जबरदस्त धमाका हुआ. धमाका इतना जोरदार था कि पूरी बिल्डिंग दहल उठी.

धमाके की गूंज सुन कर वहां भगदड़ मच गई थी. यह धमाका अदालत की दूसरी मंजिल स्थित शौचालय में हुआ था. धमाके की वजह से आसपास इमारतों के शीशे चटक गए थे. शौचालय के अंदर की दीवारें तक उड़ गई थीं. यही नहीं, दूसरी मंजिल की दीवारें और छत भरभरा कर नीचे जा गिरी और मलबे में तब्दील हो गई थीं.

यह घटना दोपहर के सवा 12 बजे घटी थी. जैसे ही घटना की सूचना डिवीजन नंबर-5 थाने के इंसपेक्टर बलबीर सिंह को मिली, वह अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. यही नहीं, दिल दहला देने वाली घटना की सूचना पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर को भी मिल चुकी थी. सूचना मिलते ही वह भी मौके पर पहुंच कर घटना की छानबीन करने में जुट गए थे.

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