सौजन्य- मनोहर कहानियां
इसी दौरान रोशनी पति के दोस्त सोनू कुशवाहा के संपर्क में आई. इन दोनों के इश्क की आंधी मूलचरण को इतनी दूर उड़ा कर ले गई कि…
जालौन जिले के कुंवरपुरा गांव के कुछ लोग सुबह करीब 7 बजे अपने खेतों की तरफ जा रहे थे
तो उन्होंने बंबी पुलिया के पास झाडि़यों में एक युवक की लाश देखी. लाश देखते ही उन के पैर वहीं रुक गए और वह उसे गौर से देखने लगे. उस युवक का सिर ईंट से कुचला हुआ था. खून लगी ईंट भी वहीं पड़ी थी. इस के बाद कुछ ही देर में यह खबर कुंवरपुरा गांव सहित माधौगढ़ कस्बे तक फैल गई. जिस से थोड़ी ही देर में वहां लोगों की भीड़ जुट गई. इसी बीच किसी ने इस की सूचना थाना माधौगढ़ में फोन द्वारा दे दी.
सुबहसुबह लाश मिलने की सूचना पा कर थानाप्रभारी प्रवीण कुमार का मन कसैला हो गया. उन्होंने इस सूचना से पुलिस अधिकारियों को अवगत करा दिया. इस के बाद एसआई रामवीर सिंह, कांस्टेबल देवेंद्र सिंह व विपिन कुमार को साथ ले कर वह घटनास्थल पहुंच गए.
उस समय वहां भीड़ जुटी थी. भीड़ को हटा कर उन्होंने झाडि़यों में पड़े शव को देखा. फिर सहयोगियों की मदद से शव को बाहर निकलवाया. शव के पास ही मोटरसाइकिल भी पड़ी थी. उसे भी उन्होंने निकलवाया. यह बात 3 जून, 2021 की है.
मृत युवक की उम्र 30 साल के आसपास थी. उस के सिर में पीछे की ओर गहरा जख्म था. मोटरसाइकिल पर भी ईंट के निशान थे. यह शायद इस वजह से किया गया था ताकि युवक की मौत दुर्घटना से हुई लगे.
अन्य सबूत तलाशने के दौरान पुलिस को झाडि़यों से एक ईंट मिली, जिस पर खून लगा था. थानाप्रभारी प्रवीण कुमार को समझते देर नहीं लगी कि इसी ईंट से प्रहार कर युवक को मौत के घाट उतारा होगा. फिर दुर्घटना का रूप देने के लिए कातिलों ने उस की मोटरसाइकिल भी ईंट से तोड़फोड़ कर झाडि़यों में गिरा दी होगी. उन्होंने ईंट को सबूत के तौर पर सुरक्षित कर लिया.
इसी बीच सूचना पा कर एसपी यशवीर सिंह, एएसपी राकेश कुमार सिंह तथा डीएसपी (माधौगढ़) विजय आनंद भी वहां आ गए.
पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया तथा थानाप्रभारी प्रवीण कुमार से घटना के संबंध में जानकारी हासिल की. उन्होंने बताया कि अब तक दरजनों लोग शव को देख चुके हैं. लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है.
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पुलिस अधिकारी शव की शिनाख्त कराने का प्रयास कर ही रहे थे कि एक युवक बदहवास हालत में वहां आया और शव देख कर रो पड़ा. पुलिस अधिकारियों ने उस युवक से पूछताछ की तो उस ने बताया कि उस का नाम मंगल सिंह कुशवाहा है. वह माधौगढ़ कस्बे के मोहल्ला जवाहर नगर का रहने वाला है.
यह शव उस के छोटे भाई मूलचरण कुशवाहा का है. वह बीती शाम को मोटरसाइकिल ले कर घर से निकला था. तब से घर वापस नहीं लौटा था. उस की पत्नी रोशनी ने उसे सुबह उस के लापता होने की सूचना दी थी. तब से वह परेशान था. कुछ देर पहले उसे बंबी में लाश पाए जाने की खबर लगी थी, उसी के बाद वह यहां आया है.
मृतक की शिनाख्त होते ही पुलिस अधिकारियों ने 2 सिपाहियों सहित पुलिस जीप भेज कर मृतक की पत्नी रोशनी को घटनास्थल पर बुलवा लिया. रोशनी पति की लाश देखते ही फूटफूट कर रोने लगी.
डीएसपी विजय आनंद ने उसे समझाबुझा कर शांत कराया और वहां की सारी औपचारिक काररवाई पूरी कर लाश पोस्टमार्टम के लिए जालौन के जिला अस्पताल भिजवा दी.
इस के बाद पुलिस थाना माधौगढ़ लौट आई. एसपी यशवीर सिंह ने हत्या के इस मामले की जांच इंसपेक्टर प्रवीण कुमार को सौंप दी. उन्होंने सहयोगियों के साथ जांच शुरू की तो उन्हें मृतक की पत्नी रोशनी पर शक हुआ.
क्योंकि घटनास्थल पर जब रोशनी रो रही थी, तो उन्होंने महसूस किया था कि पति की मौत पर कोई पत्नी जिस तरह रोती है, वैसा दर्द रोशनी के रोने में नहीं था. लग रहा था जैसे वह दिखावे के लिए रो रही है. इसलिए उन्होंने जांच की शुरुआत रोशनी से ही की.
प्रवीण कुमार ने रोशनी को थाने बुला कर पूछताछ शुरू की. उन्होंने सरसरी निगाह से रोशनी को देखा फिर पूछा, ‘‘यह सब कैसे हुआ?’’
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रोशनी नजरें चुराते हुए बोली, ‘‘बीती शाम उन का अंडे खाने का मन हुआ, तो वह अंडे लेने निकले. लेकिन वह गए तो लौट कर नहीं आए. मुझे लगा कि वह किसी दोस्त के साथ होंगे और उसी के घर रुक गए होंगे. रात 12 बजे तक मैं ने उन का इंतजार किया फिर मैं सो गई.’’
रोशनी का बयान इंसपेक्टर प्रवीण कुमार के गले नहीं उतर रहा था. जिस औरत का पति रात को घर न आए, भला वह निश्चिंत हो कर कैसे सो सकती है? उन्हें लग रहा था कि किसी न किसी रूप में रोशनी पति की हत्या में शामिल है. लेकिन उस के खिलाफ उन के पास कोई ठोस सबूत न होने की वजह से वह उस पर सीधा आरोप नहीं लगा पा रहे थे.
सबूत जुटाने के लिए थानाप्रभारी प्रवीण कुमार ने मृतक के बड़े भाई मंगल कुशवाहा से पूछताछ की. उस ने बताया कि रोशनी चंचल स्वभाव की है. जिस की वजह से मूलचरण और रोशनी की पटरी नहीं बैठती थी. उस का चालचलन भी अच्छा नही है.
उस के घर मोहल्ले के युवक सोनू कुशवाहा का आनाजाना है. सोनू को ले कर पतिपत्नी में अकसर तनाव रहता था. कई बार दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ था.
‘‘मूलचरण की हत्या में कहीं रोशनी और सोनू तो शामिल नही हैं?’’ प्रवीण कुमार ने मंगल कुशवाहा से पूछा.
‘‘साहब, यकीन के साथ तो नहीं कह सकता, लेकिन शक मुझे भी है.’’ मंगल सिंह ने कहा.
पुलिस के लिए इतनी जानकारी काफी थी. प्रवीण कुमार ने सोनू की तलाश शुरू कर दी. उन्होंने पुलिस टीम के साथ उस के जवाहर नगर स्थित घर पर छापा मारा तो वह घर से फरार था. पता चला कि वह अपनी बहन के घर कोंच गया है.
प्रवीण कुमार ने उस की बहन की ससुराल में दबिश दी तो पता चला कि वह वहां गया ही नहीं था. प्रवीण कुमार ने अब अपने मुखबिरों के माध्यम से सोनू की तलाश शुरू कर दी.
आखिरकार 6 जून की सुबह 7 बजे उन्हें मुखबिर से पता चला कि सोनू कस्बे की गल्लामंडी गेट पर मौजूद है. वह मुखबिर को साथ ले कर गल्लामंडी गेट पर पहुंचे तो सोनू पकड़ में आ गया.
उसे थाना माधौगढ़ लाया गया. वहां उस की जामातलाशी ली गई तो उस के पास से एक मोबाइल फोन तथा 300 रुपए नकद बरामद हुए.
थाने में जब सोनू से मूलचरण की हत्या के बारे में पूछताछ की गई तो उस ने सहज ही जुर्म कुबूल कर लिया. उस ने बताया कि मूलचरण उस का दोस्त था. घर आतेजाते उस का नाजायज रिश्ता उस की पत्नी रोशनी से बन गया था. जानकारी होने पर वह विरोध करने लगा.
वह रोशनी को अपने साथ हरियाणा ले जाना चाहता था, लेकिन रोशनी पति के साथ नहीं जाना चाहती थी. वह स्वयं भी नहीं चाहता था कि रोशनी उस का साथ छोड़ कर पति के साथ जाए.
इसी खुन्नस में उस ने रोशनी के कहने पर अपने दोस्त पवन के साथ मिल कर मूलचरण की हत्या की योजना बनाई और 2 जून, 2021 की रात 10 बजे उस की हत्या कर शव को बंबी किनारे झाडि़यों में फेंक दिया. उस की मोटरसाइकिल को भी ईंट से क्षतिग्रस्त कर वहीं झाडि़यों में डाल दी.
पवन को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने कई संभावित ठिकानों पर छापा मारा, लेकिन वह हाथ नहीं आया. चूंकि षडयंत्र में रोशनी शामिल थी, अत: पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
थानाप्रभारी प्रवीण कुमार ने मूलचरण की हत्या का परदाफाश करने तथा आरोपियों को पकड़ने की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी तो एएसपी राकेश कुमार सिंह ने आननफानन में प्रैसवार्ता आयोजित की और मूलचरण की हत्या का खुलासा किया. उन्होंने परदाफाश करने वाली टीम की पीठ भी थपथपाई.
चूंकि आरोपी सोनू कुशवाहा तथा उस की प्रेमिका रोशनी ने जुर्म कुबूल कर लिया था, अत: थानाप्रभारी प्रवीण कुमार ने मृतक के भाई मंगल सिंह को वादी बना कर भादंवि की धारा 302/201/120बी के तहत सोनू कुशवाहा, रोशनी तथा पवन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली तथा सोनू व रोशनी को गिरफ्तार कर लिया.
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पुलिस पूछताछ में एक ऐसी महिला की कहानी सामने आई, जिस ने प्रेमी की मदद से अपना ही सुहाग उजाड़ दिया था.
रोशनी के पिता रामनाथ कुशवाहा जालौन जिले के गांव देवरा के रहने वाले थे. रामनाथ की आजीविका खेतीकिसानी से चलती थी. उस का परिवार बड़ा था, पर जिस खेती के सहारे उस का परिवार चल रहा था, वह काफी कम थी. रामनाथ की 3 बेटियां तथा एक बेटा था. 2 बड़ी बेटियों की वह शादी कर चुके थे. अब छोटी बेटी रोशनी व बेटा गगन कुंवारे थे.
अपनी बहनों में रोशनी सब से छोटी थी. खूबसूरत तो वह बचपन से ही थी, लेकिन किशोरावस्था पार करते ही उस की खूबसूरती में और भी निखार आ गया था.
पिता को रोशनी के जवान होने का अहसास था. इसलिए वह उस के लिए वर की तलाश में जुटे थे. लेकिन माली हालत खराब होने के कारण वह उस का रिश्ता तय नहीं कर पा रहे थे.
इधरउधर काफी प्रयास करने के बाद उन्होंने मूलचरण को रोशनी के लिए पसंद कर लिया. मूलचरण के पिता छोटेलाल कुशवाहा जालौन जिले के माधौगढ़ कस्बे के रहने वाले थे. जवाहर नगर मोहल्ले में उन का मकान था. उन के परिवार में पत्नी के अलावा 2 बेटे मंगल सिंह तथा मूलचरण थे.
मंगल सिंह का विवाह हो चुका था, जबकि मूलचरण अभी कुंवारा था. मूलचरण का मन खेतीकिसानी में नहीं लगता था. इसलिए वह पानीपत (हरियाणा) चला गया था. वहां वह पानीपूरी बेचने का काम करता था.
हालांकि मूलचरण का रंग सांवला व उम्र भी अधिक थी, इस के बावजूद उस की मजबूत आर्थिक स्थिति को देख कर रामनाथ ने उसे अपनी बेटी रोशनी के लिए पसंद कर लिया था. मई 2015 में रामनाथ ने अपनी बेटी रोशनी का विवाह मूलचरण के साथ कर दिया.
रोशनी सुंदर तो थी ही, दुलहन के वेश में उस की सुंदरता और निखर आई थी. ससुराल में जिस ने भी उसे देखा, उस की खूबसूरती की तारीफ किए बिना न रह सका.
सब खुश थे, लेकिन रोशनी खुश नहीं थी. क्योंकि वह सांवला व अधिक उम्र का था, इसलिए उस से शादी कर के वह बहुत दुखी थी. उस के सारे अरमान चकनाचूर हो गए थे.
फिर भी उस ने नियति के इस निर्णय को सिर झुका कर स्वीकार कर लिया. दांपत्य जीवन की गाड़ी आगे बढ़ी तो बढ़ती ही चली गई. रोशनी को सपनों का राजकुमार नहीं मिला था, पर मूलचरण को उस के सपनों की रानी जरूर मिल गई थी. वह उस की हर जरूरत का खयाल रखता था.
रोशनी संयुक्त परिवार में रहती थी. कामकाज को ले कर उस की अपनी जेठानी उमा से नहीं पटती थी. रोशनी को जहां अपने हुस्न पर गर्व था, वहीं उमा को अपने हुनर पर. रोशनी की सास उस की जेठानी का ज्यादा पक्ष लेती थी, जिस से रोशनी सास से नाराज रहती थी.
रोजरोज के झगड़े से तंग आ कर छोटेलाल कुशवाहा ने दोनों बेटों के बीच घर व जमीन का बंटवारा कर दिया था. बंटवारे के बाद मूलचरण अपनी पत्नी रोशनी के साथ अलग मकान में रहने लगा.
रोशनी अलग रहने लगी तो वह स्वच्छंद हो गई. अब उस पर किसी का बंधन नहीं था. वह बनसंवर कर कस्बे के बाजार में घूमती और मनपसंद खरीदारी करती.
मूलचरण का एक दोस्त था सोनू कुशवाहा. वह जवाहर नगर में ही रहता था. उस के पिता की आर्थिक स्थिति मजबूत थी. वह व्यापार करते थे. सोनू भी पिता के व्यवसाय में हाथ बंटाता था. दोस्ती के चलते मूलचरण को जब कभी पैसों की जरूरत होती, वह सोनू से उधार मांग लेता था. पैसा आने पर उधारी चुकता कर देता था.
सोनू की कदकाठी अच्छी थी. वह दिखने में भी बांका जवान था. सोनू और मूलचरण की उम्र में वैसे तो अंतर था, लेकिन दोनों के आचारविचार में काफी समानता थी. इसलिए उन में पटती भी खूब थी. मूलचरण जब घर में होता, तो सोनू उस के घर पहुंच जाता.
दोनों में गपशप होती और कभीकभी खानेपीने का भी दौर चल जाता. इन्हीं नजदीकियों ने उन के संबंधों को और भी प्रगाढ़ बना दिया. सोनू उस के घर के छोटेमोटे काम भी निपटा देता था, इसलिए उस का मूलचरण के घर आनाजाना लगा रहता था. मूलचरण की पत्नी रोशनी को वह भाभी कहता था. रोशनी से उस की खूब गपशप होती थी.
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रोशनी के चेहरे पर ऐसी कशिश थी, जिसे देख कर कोई भी उस की तरफ खिंचा चला आए. उस की झील सी गहरी आंखों में सम्मोहन शक्ति थी. वह जिसे भरपूर निगाहों से देख लेती, वह उस की ओर आकर्षित हो जाता. सोनू पर भी उस के रूप का जादू चल गया था. इसलिए वह रोशनी को मन ही मन चाहने लगा था. वह किसी भी तरह उसे हासिल करना चाहता था.
रोशनी का पति मूलचरण पानीपत (हरियाणा) में पानीपूरी बेचने का काम करता था. महीना-2 महीना में वह घर आता था. हफ्ता-10 दिन रहने के बाद वह वापस चला जाता था.
पति के जाने के बाद रोशनी की रातें बेचैनी से कटती थीं. वह जवान थी. उस की देह में वासना भरी हुई थी. हसरतें हसीन रातों का सपना देखती थीं.
औरत जवान हो और पति का साथ न मिले तो सावन की मदमाती बयार भी उसे लू के थपेड़ों जैसी लगने लगती है. रोशनी की दशा भी कुछ ऐसी ही थी. तनहाई में उस की रातें पहाड़ जैसी कटती थीं. उस का मन भटकने लगा था. वह सोचती कुछ और करती कुछ और.
ऐसे में रोशनी को सोनू का घर आनाजाना तथा गपशप लड़ाना अच्छा लगने लगा था. वह भी हैंडसम, हंसमुख व स्मार्ट सोनू पर फिदा हो गई थी. वह सोचने लगी थी कि चेहरामोहरा अच्छा है, आंखें चंचल हैं और शरीर भी हट्टाकट्टा है. रोशनी को लगा यही वह शख्स है, जिस की उस की कामनाओं को तलाश है.
एक दिन सोनू घर आया तो रोशनी आईने के सामने बैठी सजसंवर रही थी. रोशनी को उस रूप में देख कर सोनू से रहा नहीं गया. उस ने पीछे से रोशनी को अपनी बांहों में भर लिया और उस के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
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रोशनी ने भी शरमाते हुए अपना चेहरा सोनू के सीने पर रख दिया. इस के बाद 2 शरीर एक हो गए. मर्यादा की दीवार लांघ कर दोनों ही बहुत खुश थे.
मनपसंद पुरुष के साथ बिस्तर का सुख निराला था, सो उसी दिन से रोशनी तनमन से सोनू की हो गई. वह भूल गई कि वह मूलचरण की ब्याहता है और शादी के वक्त 7 वचनों को निभाने का वादा किया था. उस ने सोनू को ही सब कुछ मान लिया. सोनू ने नारी सान्निध्य का सुख पाया तो वह भी रोशनी का मुरीद हो कर रह गया.
सोनू को जब भी मौका मिलता वह रोशनी को बाजार घुमाने ले जाता. रोशनी जिस चीज की मांग करती, सोनू उसे पूरी कर देता. मूलचरण को दोस्त पर जरा भी शक न था, जबकि सोनू उस की आंखों में घूल झोंक रहा था.
कहते हैं गलत काम को कितना भी छिपा कर किया जाए, एक न एक दिन उस की भनक लोगों को लग ही जाती है. पहले मोहल्ले में दोनों के संबंधों की हवा फैली फिर धीरेधीरे उन के कारनामों की भनक मूलचरण के कानों में भी पड़ गई.
मूलचरण ने रोशनी को बैठा कर ऊंचनीच समझाई. उसे अपनी इज्जत और समाज का वास्ता दिया, लेकिन रोशनी वास्तविकता से साफ मुकर गई. उस ने मूलचरण से कहा, ‘‘जरूर किसी ने हमारे घर में कलह पैदा करने के लिए तुम्हारे कान भर दिए हैं. सोनू को तो मैं अपने भाई जैसा मानती हूं.’’
रोशनी ने यह बात पति से इतनी दृढ़ता के साथ कही थी कि मूलचरण को उस के चरित्र पर भरोसा हो गया था. लेकिन मूलचरण को उन पर भी भरोसा था, जिन्होंने पत्नी के कारनामों को बताया था. ऐसे में उस ने निर्णय लिया कि वह अपनी आंखों देखी पर विश्वास करेगा.
वह पत्नी की असलियत जानने के लिए तानेबाने बुनने लगा. लेकिन वह रोशनी को रंगेहाथों पकड़ नहीं पाया. कारण रोशनी बेहद सतर्कता बरतने लगी थी. कुछ दिन मूलचरण पत्नी के साथ रहा, फिर हरियाणा चला गया.
अवैध रिश्तों के चलते मंगल कुशवाहा की मोहल्ले में बदनामी हो रही थी. इसलिए उस ने बहू को समझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रेम दीवानी रोशनी ने जेठ की बात को दरकिनार कर दिया. परिवार की निगरानी के बावजूद रोशनी किसी न किसी जतन से पे्रमी से मिल ही लेती थी.
मई 2021 के पहले हफ्ते में महामारी के कारण मूलचरण हरियाणा से अपने घर माधौगढ़ आ गया. पति के घर आ जाने से रोशनी और सोनू के मिलन में बाधा पहुंचने लगी. सोनू अब जबतब ही मूलचरण से मिलने के बहाने घर आता था. दोनों पर मूलचरण कड़ी नजर रखता था. मिलन न हो पाने के कारण दोनों परेशान हो उठे थे.
एक रोज मूलचरण ने रोशनी से कहा कि लौकडाउन खत्म होते ही उसे उस के साथ हरियाणा चलना है. अब वह उसे अकेला नहीं छोड़ेगा. लोग तरहतरह की बातें कर उस की इज्जत उछालते हैं. इस पर रोशनी ने जवाब दिया कि वह उस के साथ परदेश नहीं जाएगी. वह घर में ही रहेगी.
इस के बाद तो हर रोज हरियाणा जाने या न जाने को ले कर मूलचरण व रोशनी में तूतूमैंमैं होने लगी. मूलचरण का फरमान था कि उसे उस के साथ जाना है, जबकि रोशनी जिद कर रही थी कि वह उस के साथ नहीं जाएगी. किसीकिसी दिन तो झगड़ा इतना बढ़ जाता कि मूलचरण रोशनी को बेतहाशा पीट देता.
31 मई को भी मूलचरण ने इसी बात को ले कर रोशनी को पीटा फिर वह शराब के ठेके पर चला गया. उस के जाने के कुछ देर बाद सोनू आ गया. सोनू को देखते ही रोशनी सुबकसुबक कर रोने लगी. इस पर सोनू बोला, ‘‘बताओ, क्या बात है?’’
रोशनी बोली, ‘‘वह मुझे अपने साथ ले जाना चाहता है, लेकिन मैं जाना नहीं चाहती. इसी बात पर वह लातघूंसों से मारने लगता है. सोनू, किसी तरह इस राक्षस से मेरी जान छुड़ाओ. नहीं तो किसी दिन तुम्हें मेरी लाश ही मिलेगी.’’
‘‘लाश तुम्हारी नहीं उस की मिलेगी.’’ सोनू दांत पीस कर बोला.
‘‘सोनू, अब मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकती. तुम कुछ भी करो बस, मुझे अपनी बना लो.’’ रोशनी उस से लिपट कर बोली.
‘‘अगर मैं कहूं कि तुम्हें अपने सुहाग की बलि देनी पड़ेगी तो…’’
‘‘मुझे मंजूर है,’’ रोशनी ने सहमति
जता दी.
इस के बाद सोनू ने रोशनी के साथ मिल कर मूलचरण की हत्या का षडयंत्र रचा. इस षडयंत्र में उस ने अपने दोस्त पवन को भी शामिल कर लिया. पैसों के लालच में पवन सोनू का साथ देने के लिए राजी हो गया.
2 जून, 2021 की शाम 7 बजे सोनू मूलचरण से मिला और उसे पार्टी देने का न्यौता दिया. मूलचरण पहले तो राजी नहीं था, लेकिन जोर देने पर राजी हो गया. उस के बाद सोनू मूलचरण की मोटरसाइकिल पर बैठ कर शराब ठेके पर पहुंचा. वहां उस ने फोन कर अपने दोस्त पवन को भी बुला लिया. फिर तीनों ने बैठ कर खायापीया.
उस के बाद तीनों घूमने के बहाने निकले और कुंवरपुरा स्थित बंबी पुलिया पर पहुंचे. इस पुलिया पर बैठ कर तीनों बातचीत करने लगे. अब तक रात के
10 बज चुके थे और चारों तरफ सन्नाटा पसरा था.
उचित मौका देख कर सोनू और पवन ने मूलचरण को दबोच लिया और उस का सिर पुलिया के पत्थर पर पटकने लगे. उस का सिर फट गया और वह वहीं लुढ़क गया. इसी समय सोनू की निगाह ईंट पर पड़ी. उस ने ईंट से भी उस के सिर पर प्रहार किया.
हत्या करने के बाद पवन व सोनू ने मूलचरण के शव को बंबी के किनारे झाडि़यों में छिपा दिया. उस की मोटरसाइकिल को भी ईंट से क्षतिग्रस्त कर शव के पास झाडि़यों में डाल दी. ऐसा उन्होंने इसलिए किया, ताकि देखने वालों को लगे कि मूलचरण की मौत ऐक्सीडेंट से हुई है.
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इस के बाद दोनों वहां से फरार हो गए. सोनू ने फोन पर रोशनी को बता दिया कि उस की राह का कांटा दूर हो गया है. लेकिन अभी वह सावधान रहे.
इधर 3 जून की सुबह कुंवरपुरा गांव के लोग जब खेतों की तरफ जा रहे थे तो उन्होंने बंबी में लाश पड़ी देखी. उन्होंने इस की सूचना माधौगढ़ पुलिस को दी. सूचना पाते ही इंसपेक्टर प्रवीण कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले कर जांच शुरू की. जांच में अवैध रिश्तों में हुई हत्या का खुलासा हुआ.
7 जून, 2021 को पुलिस ने आरोपी सोनू तथा रोशनी को जालौन की जिला अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया. कथा संकलन तक तीसरा आरोपी पवन फरार था. पुलिस उसे गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी.
—कथा पुलिस सूत्रोंं पर आधारित