यूपी में इन दिनों ‘गुंडे-माफिया मस्त और पुलिस सुस्त’ वाली कहानी चल रही है. विकास दुबे वाले प्रकरण हुए ज्यादा समय नहीं बीता जिसमें पुलिसवालों का बदमाश दुबे के साथ गठजोड़ और लापरवाहियां देखने को मिला था. उसके बाद हाल ही में गाजियाबाद में बदमाशों ने एक पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या कर दी. यहां भी मामला पुलिस की सुस्ताई और लापरवाही का था. पत्रकार ने आरोपियों के खिलाफ अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. लेकिन समय पर पुलिस कार्यवाही नहीं होने के चलते बदमाशों के होंसले बढ़े और उन्होंने पत्रकार को जान से मार दिया.
अब लापरवाही का नया मामला कानपुर से आया है जहां जिले के बर्रा क्षेत्र से अपहरण किये गए लैब टेकनीशियन संजीत यादव की हत्या कर दी गई है. जानकारी के अनुसार संजीत यादव(28) का अपहरण उसके एक दोस्त कुलदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर फिरौती के लिए की थी. आरोपी कुलदीप भी संजीत यादव के साथ सैंपल कलेक्शन का काम किया करता था. 22 जून से लगभग 1 महीने ऊपर अपहरण के बीत जाने के बाद संजीत की हत्या का मामला सामने आया है.
पूरा घटनाक्रम क्या था?
इस मामले में भी पुलिस की लापरवाहियां का जिक्र सामने आया है. संजीत यादव की गुमशुदगी 22 जून को हुई थी. जिसके चलते 23 जून को संजीत के परिवारजनों ने बर्रा की जनता नगर चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बाद 29 जून को अपहरणकर्ताओं ने संजीत के परिवार से 30 लाख की फिरौती मांगी थी और रविवार तक का समय दिया था. इस मसले पर 5 जुलाई तक कोई कार्यवाही न होने पर परिजनों ने शास्त्री चौक का घेराव भी किया था. इसके बाद 13 जुलाई को अपरहरणकर्ताओं के कहने पर परिजनों ने 30 लाख रूपए फिरौती की रक़म से भरा बैग गुजैनी पुल से नीचे रेलवे ट्रैक पर फैंका.
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