सौजन्य- सत्यकथा

31जनवरी, 2020 की बात है. नैनीताल जिले के थाना रामनगर में किसी अज्ञात

व्यक्ति ने फोन कर के सूचना दी कि गांव बैलपोखरा के एक खेत में किसी महिला की झुलसी हुई लाश पड़ी है.

हत्या की खबर सुन कर थानाप्रभारी दिनेश नाथ महंत घटनास्थल पर जाने के लिए तैयार हो गए. जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचना देने के बाद थानाप्रभारी पुलिस टीम के साथ उस जगह पहुंच गए, जहां लाश पड़ी होने की सूचना थी.

वहां पर आसपास के गांवों के कई लोग जमा थे. थानाप्रभारी ने लाश का मुआयना किया, वह इस हद तक जल चुकी थी कि उसे पहचानना मुश्किल था. ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने युवती की हत्या कर लाश पर जला हुआ मोबिल औयल डाल कर जलाया है, क्योंकि वहां आसपास काले मोबिल औयल के छींटे पड़े थे. हत्यारे ने यह सब लाश की पहचान मिटाने के लिए किया था.

थानाप्रभारी लाश के बारे में वहां मौजूद लोगों से पूछताछ कर ही रहे थे कि एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसपी (सिटी) अमित श्रीवास्तव और सीओ साहब भी पहुंच गए. सभी अधिकारियों ने लाश और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. लेकिन वहां ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिस से लाश की शिनाख्त कराने में आसानी होती.

घटनास्थल के आसपास पुलिस को किसी कार के टायरों के निशान दिखाई दिए. इस से आशंका जताई गई कि संभव है मृतका रामनगर थानाक्षेत्र के बजाए कहीं दूसरे जिले की भी हो सकती है. यह स्पष्ट था कि लाश को ठिकाने लगाने में किसी कार का उपयोग किया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों के दिशानिर्देश मिलने के बाद थानाप्रभारी ने घटनास्थल से जरूरी सबूत इकट्ठे कर के लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी.

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