अंधविश्वास, नफरत और गुस्सा उसके दिल-दिमाग पर इसकदर हावी हो चुका था कि उसने अपनी पत्नी समेत अपने पूरे ससुराल का सफाया करने का मास्टर प्लान बना डाला. अपने प्लान को अंजाम देने के लिए उसने ना किसी हत्यारे को सुपारी दी और ना खुद पिस्तौल या चाक़ू का इस्तेमाल किया, बल्कि उसने तो पूरे परिवार को ख़त्म करने के लिए इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की तरह रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया. उसके शातिर दिमाग ने अपने ससुरालियों को धीमी गति से मौत देने का फैसला किया और एक कंपनी से कूरियर द्वारा थैलियम नामक जहर मंगा कर बड़े ही नाटकीय ढंग से अपनी पत्नी और उसके पूरे परिवार के हलक से नीचे उतार दिया.

आरोपी -वरुण अरोड़ा 

ये सनसनीखेज़ घटना है दिल्ली के इंदरपुरी इलाके की, जहाँ एक पॉश कॉलोनी की आलिशान चार मंज़िला कोठी में रहने वाले करोड़पति बिज़नेसमैन देवेंद्र मोहन शर्मा का पूरा परिवार उनके दामाद वरुण अरोड़ा के शैतानी दिमाग में उपजे खूनी खेल की भेंट चढ़ गया.

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एक के बाद एक मौतें

15 फरवरी को देवेंद्र मोहन शर्मा की छोटी बेटी प्रियंका शर्मा एक अनजान बीमारी का शिकार हो कर मौत के मुँह में समा गयी. वह कमजोरी और बदन दर्द की शिकायत करती रही. अपने शरीर और मस्तिष्क पर उसका कोई कंट्रोल नहीं रहा. करीब पंद्रह दिन चले इलाज के दौरान वह निढाल होती गयी. अंत तक डॉक्टर नहीं समझ पाए कि उसको रोग क्या था. वह जीबी सिंड्रोम (गिलैन-बारे सिंड्रोम) समझ कर उसका इलाज करते रहे. यानी ऐसी विकृति जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिका तंत्र के कुछ हिस्सों पर हमला करती है. इससे कमजोरी या पैरों में झुनझुनी होती है जो हाथों और शरीर के ऊपरी हिस्सों में फैलती जाती है. इन लक्षणों की तीव्रता बढ़ने पर व्यक्ति अपनी पेशियों पर कंट्रोल खो देता है और उसे फालिज मार जाता है. चिकित्सकीय दृष्टि से यह गंभीर हालत है और मरीज को सांस लेने के लिए वेन्टीलेटर पर रखा जाता है. अधिकतर लोग गंभीर से गंभीर गिलैन- बारे संलक्षण से उबर जाते हैं, मगर प्रियंका के केस में ऐसा नहीं हुआ. वह दर्द से तड़पती हुई मौत की गोद में समा गयी.

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