50 वर्षीय राजकुमार (परिवर्तित नाम) एक सरकारी बैंक में मैनेजर थे. आर्थिक रूप से राजकुमार का भरापूरा परिवार था. जब वे सोशल नैटवर्किंग साइट फेसबुक पर सक्रिय हुए तो नएनए लोगों से मिल कर बहुत खुशी हुई. उन की खुशियों में तब और भी इजाफा हो गया जब उन से स्वीटी नामक युवती जुड़ गई. स्वीटी कथित रूप से एमबीए की छात्रा थी और देखने में हसीन भी. राजकुमार ने भी उम्र के फासले की दीवार गिराई और दोस्ती कर ली. चैटिंग से शुरू हुआ सिलसिला मोबाइल पर लंबी बातचीत तक जा पहुंचा. स्वीटी से दोस्ती कर राजकुमार को अपनी दुनिया बदलीबदली सी नजर आने लगी और वे जवानी के हसीन सपने देखने लगे.
अब राजकुमार केवल बातचीत तक ही सीमित नहीं रहना चाहते थे इसलिए एकदूसरे से मिलने के लिए दोनों ने डेट फिक्स कर ली. फिर क्या था यह सिलसिला चल पड़ा. साथसाथ मौल घूमना, शौपिंग करना और महंगे होटलों में खानापीना और सारी मर्यादाओं को दोनों ने लांघ दिया. राजकुमार खुश थे कि उन्होंने दिल बहलाने के लिए एक लड़की को उलझा लिया है, लेकिन यह केवल उन की गलतफहमी थी क्योंकि लड़की ने तो उलटा उन्हें शिकार बनाया था.
2 महीने में ही उन की दोस्ती व नाजायज रिश्तों ने गुल खिलाया और राजकुमार मकड़जाल में उलझ कर छटपटा कर रह गए. उन से लाखों रुपए की मांग की जाने लगी. बदनामी के डर से खुदकुशी करने की सोची, लेकिन परिवार का खयाल आ गया. राजकुमार ने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन फेसबुक के चक्कर में किसी जवान लड़की से दोस्ती की उन की छोटी सी भूल उन्हें इस मुकाम पर ला कर खड़ा कर देगी. आखिर उन्होंने पुलिस की मदद ली तो ब्लैकमेल करने वाली उन के सपनों की रानी स्वीटी व उस के 2 दोस्तों की तिगड़ी पुलिस की गिरफ्त में आ गई.
ऐसे हुई मुलाकात
उत्तर प्रदेश के जनपद बरेली के पीलीभीत बाइपास स्थित महानगर कालोनी निवासी राजकुमार शर्मा साधन संपन्न थे. फेसबुक व व्हाट्सएप के जरिए मुरादाबाद की रहने वाली स्वीटी ने उन से दोस्ती कर ली. दोस्ती के इस सिलसिले ने उन्हें बेहद नजदीक ला दिया. पूछने पर स्वीटी ने बताया कि वह मुरादाबाद में रह कर एमबीए की पढ़ाई कर रही है. सामाजिक व उम्र के लिहाज से भले ही यह अच्छा नहीं था, लेकिन शायद राजकुमार ने सोचा कि नए जमाने की लड़की है और वह खुद ही राजी है तो इस में बुराई क्या है.
स्वीटी के कई सारे मीठे मैसेज ने उन्हें गरिमा का खयाल भी भुला दिया. दोनों तरफ से मैसेज में शालीनता को लांघा गया. अश्लील फोटो भी भेजे गए. फोन पर गरमागरम बातचीत होने लगी थी.एक दिन राजकुमार ने मिलने की ख्वाहिश जाहिर की तो स्वीटी बरेली पहुंच गई. वह खुश थे कि चिडि़या उन के जाल में आ गई है जबकि वह नहीं जानते थे कि जिसे वह चिडि़या समझ रहे हैं वह खुद उन की शिकारी है. राजकुमार स्वीटी को एक मकान में ले गए और वहां दोनों ने अंतरंग रिश्ते बनाए. इस मुलाकात में स्वीटी ने फीस जमा करने के नाम पर राजकुमार से 25 हजार रुपए भी ले लिए. अगली मुलाकात में उस ने मौल में घूम कर राजकुमार के पैसों से शौपिंग की. घंटों दोनों ने मौजमस्ती की. इस मुलाकात में स्वीटी ने राजकुमार से अपने लिए स्कूटी की जरूरत जाहिर की.राजकुमार की आर्थिक स्थिति ठीकठाक थी. स्वीटी को पा कर वे खुश थे. इसलिए स्वीटी को नाराज नहीं करना चाहते थे. उन्होंने 70 हजार रुपए स्कूटी खरीदने के लिए स्वीटी को दे दिए. इस तरह महज दो मुलाकातों में ही स्वीटी पर 95 हजार रुपए खर्च हो गए थे.
ब्लैकमेलिंग का खेल
27 सितंबर को स्वीटी के कथित भाई विकास ने राजकुमार को फोन कर के बताया कि उस ने जहर खा लिया है इसलिए इलाज के लिए तुरंत 4 लाख रुपए का इंतजाम करें. राजकुमार ने इतनी रकम होने से मना कर दिया तो फोनकर्ता ने दुराचार के मामले में उन्हें जेल भिजवाने की धमकी दी और यह भी बताया कि स्वीटी के साथ उन के फोटो भी हैं. जवान लड़की से दोस्ती की उन की भूल से राजकुमार परेशान हो गए. वह समझ गए कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है और इस तरह आगे भी किया जाता रहेगा. मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने पुलिस में शिकायत कर दी. पुलिस के कहने पर रुपए देने के बहाने उन्होंने फोनकर्ता को बस अड्डे बुलवाया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने स्वीटी व उस के दोस्त बजरंग को भी पकड़ लिया. इन के पास से 50 हजार रुपए, 3 मोबाइल फोन व 1 नई कार भी बरामद हुई.
और भी हुए शिकार
पेशे से ऐंबुलैंस चालक विकास के यहां स्वीटी 10 हजार रुपए महीने पर नौकरानी का काम करती थी. वैसे उस की हैसियत नौकरानी से ज्यादा थी क्योंकि विकास उसे हथियार के रूप में लोगों को फांसने के लिए इस्तेमाल करता था. एमएड की पढ़ाई कर रहा बजरंग भी उन के साथ रहता था. तीनों का काम स्वीटी के जरिए लोगों को ब्लैकमेल करना था. फेसबुक पर ऐसे लोगों को ढूंढ़ा जाता था जो अच्छी हैसियत वाले हों और लड़कियों में दिलचस्पी रखते हों. स्वीटी पहले उन से दोस्ती करती थी फिर अंतरंग रिश्ते बना कर चोरी से वीडियो बना कर ब्लैकमेल करती थी.राजस्थान के एक कारोबारी से उन्होंने 5 लाख रुपए इसी तरह लिए और नई कार भी खरीदी. अपने नए शिकार के रूप में उन्होंने इस बार मैनेजर राजकुमार की पहचान की. इस के बाद स्वीटी ने व्हाट्सएप के जरिए उन्हें ‘हाय’ लिख कर मैसेज किया. स्वीटी ने प्रोफाइल पर अपनी दिलकश फोटो भी डाली हुई थी. मैसेज किसी लड़की का था. राजकुमार ने तुरंत जवाब दिया. इस के बाद सिलसिला चल निकला. गिरोह के अगले शिकार एक प्रोफैसर व होटल मालिक थे. यदि राजकुमार ने इस तरह लड़की के प्रति लालसा न दिखाई होती तो शायद ऐसी नौबत ही नहीं आती. राजकुमार जैसे कई लोग ऐसे गिरोह के शिकार होते हैं. कुछ मामले प्रकाश में आ जाते हैं जबकि कितने ही लोग सामाजिक बदनामी के चलते गुपचुप शिकार हो कर खामोश हो जाते हैं.
सोशल बनें, संभल कर
सोशल नैटवर्किंग साइट के बढ़ते प्रचलन से फायदों के साथ धोखाधड़ी, ठगी व ब्लैकमेलिंग के मामले भी प्रकाश में आ रहे हैं. फेसबुक पर कब कौन शिकार बन रहा होता है इस बात को कोई नहीं जानता. साइबर अपराधी सोशल साइट के जरिए लोगों को फंसाते हैं. सब से पहले वे लोगों की प्रोफाइल चैक कर के उस की हैसियत, रुचियों व दोस्तों का पता लगाते हैं. उसे देख कर वह अंदाजा लगा लेते हैं कि कौन उन का शिकार बन सकता है. साइबर अपराधियों के निशाने पर सब से ज्यादा लड़कियां, घरेलू महिलाएं, बिजनैस मैन व नौकरी की तलाश में भटक रहे युवा होते हैं.
कई लोग अपने आलीशान घर, गाडि़यों व ज्वैलरी तक के फोटो फेसबुक पर डाल देते हैं. ऐसी प्रवृत्ति खतरनाक हो सकती है. साइबर ठग भरपूर नजर रखते हैं और फर्जी फेसबुक आईडी के जरिए फंसाने का काम करते हैं. फेसबुक पर ज्यादातर आईडी फर्जी होती हैं. फेसबुक का इस्तेमाल करते हुए प्राइवेसी का खयाल रखना चाहिए. छवि खराब करने वाले फोटो पर कुछ पोस्ट करने से पहले सोचना चाहिए. एक्सपर्ट की मानें तो अनजान लोगों को न दोस्त बनाना चाहिए और न ही उन से बातचीत करनी चाहिए. सेफ्टी नियमों का पालन करना चाहिए. अपना पासवर्ड किसी से शेयर नहीं करना चाहिए. अंजान संदेशों का उत्तर देने से भी बचना चाहिए.