‘‘वाह! क्या लड़की है,’’ फरहीन के कान से मीठी आवाज टकराई. उस ने
पलट कर देखा. उस के पीछे बेहद हैंडसम एक नौजवान खड़ा उसे प्यारभरी नजरों से देखे जा रहा था, ‘‘बहुत खूब, लगता है यह तो इंद्रलोक से कोई अप्सरा उतर आई है.’’ वह नौजवान धीमी आवाज में अपने होंठों पर बुदबुदा रहा था.‘‘जनाब, किसे देख कर आप ये कसीदे पढ़े जा रहे हैं?’’ फरहीन उस नौजवान को घूरते हुए बोली.

‘‘जी, आप को देख कर. आप की तारीफ में. आप हैं ही इतनी खूबसूरत.’’‘‘मियां, आप तो बड़े बेशरम किस्म के इंसान निकले. इस से पहले कभी खूबसूरत लड़की नहीं देखी है क्या आप ने?’’ थोड़ी तुनक कर फरहीन बोली.‘‘लड़कियां तो बहुत देखी हैं, मगर आप जैसी बला की खूबसूरत पहली बार देखी है, जिसे देखते ही मैं ने अपना दिल और दिमाग सब कुछ खो दिया. बड़ी फुरसत से आप को बनाया है.’’नौजवान की नशीली बात सुन कर फरहीन का चेहरा शर्म से सुर्ख हो गया. शर्म से मुसकराते हुए उस ने नजरें नीचे झुका लीं. दोनों हथेलियों के बीच चेहरा छिपाती हुई बोली, ‘‘आप तो सचमुच में बड़े बेशरम हैं जनाब, जो मुंह में आया बके जा रहे हैं. छिऽऽ’’ कहती हुई फरहीन शरमाती हुई कमरे में दाखिल हो गई तो वह नौजवान भी उस के पीछेपीछे हो लिया था.

उस स्मार्ट नौजवान का नाम था मुकीम अहमद और वह फरहीन के नानाजान के मकान के पड़ोस वाले मकान में अपने अम्मीअब्बू के साथ रहता था. फरहीन के नाना उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के खोडारे थाने के सेहरी के रहने वाले थे. फरहीन का ननिहाल में मन ज्यादा लगता था. नानानानी और मामा उसे बहुत प्यार करते थे इसीलिए ननिहाल की ओर उस का झुकाव कुछ ज्यादा ही रहता था.बहरहाल, फरहीन जब कमरे में दाखिल हुई तो मुकीम भी उस के पीछेपीछे हो लिया. फरहीन को आभास हो रहा था कि कोई उस के पीछेपीछे आ रहा है. फिर पलट कर जब उस ने देखा तो वहां मुकीम ही खड़ा था.

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