मनदीप बंसल और शादीशुदा कर्मजीत कौर अच्छे दोस्त तो थे ही, दोनों के बीच अच्छाखासा रोमांटिक अफेयर भी था. कर्मजीत कौर 2 ऐसी नावों पर सवार थी, जिन में छेद थे. ऐसे में डूबना गारंटी होता है. और यही बात मनदीप पर भी लागू थी.

आर्किटेक्ट मनदीप बंसल उर्फ मिंटी मशहूर बिल्डर था. वह ठेके पर बड़ीबड़ी बिल्डिंग बनाने के साथसाथ प्लौट खरीद कर उन पर कोठियां बना कर बेच देता था. इस काम में उसे अच्छाखासा मुनाफा हो जाता था. सिविल इंजीनियर मनदीप को भवन निर्माण का बड़ा तजुर्बा था. लुधियाना शहर में उस की गिनती बड़े बिल्डरों में होती थी. हालांकि उस के पिता सुरिंदर सिंह कपड़े के व्यापारी थे, पर मिंटी ने भवन निर्माण के क्षेत्र में काफी नाम कमाया था.

मनदीप 3 भाईबहन थे. सब से बड़े थे सुरजीत सिंह बंसल, जो कपड़े का व्यापार करते थे. दूसरे नंबर पर मनदीप था और सब से छोटी बहन थी रवनीत कौर. सुरजीत को छोड़ कर मनदीप और रवनीत अभी अविवाहित थे. लगभग 2 साल पहले बंसल परिवार गुरु अंगतदेव नगर में रहता था.

फिर अचानक उन्हें वह घर छोड़ कर खन्ना एन्क्लेव, धांदरा रोड पर किराए की एक कोठी में रहना पड़ा. बंसल परिवार के गुरु अंगतदेव नगर छोड़ने के पीछे की भी एक अहम कहानी है, जिस ने आगे चल कर एक बहुत बड़े अपराध को जन्म दिया था.

बहरहाल, खन्ना एन्क्लेव में रहते हुए बंसल बंधुओं ने लुधियाना के ही शहीद भगत सिंह नगर में एक प्लौट खरीद कर उस पर एक विशाल कोठी का निर्माण करवाया, जो लगभग पूरा हो चुका था. मुहूर्त के अनुसार उन्हें दिनांक 14 अक्तूबर, 2018 को नई कोठी में गृहप्रवेश करना था. इस के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं. उन्होंने घर का सारा सामान भी बांध लिया था.

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