ढाई वर्षीय विवेक अपने घर के बाहर से गायब हो गया था. पुलिस ने बच्चा बरामद कर के उसे अपहृत करने वाली पूजा को तो पकड़ लिया, लेकिन अपहरण का उद्देश्य वह पता नहीं कर पाई.

उत्तर प्रदेश का मऊ जिला बुनाई और कढ़ाई के लिए मशहूर है. यहां की कढ़ाईबुनाई की कला के चर्चे देश में ही नहीं, विदेशों तक में सुने जाते हैं. यहां के अधिकांश लोगों की रोजीरोजगार का साधन साड़ी बुनाई ही है. इतनी बड़ी पहचान रखने वाला यह जिला सांप्रदायिक उन्माद के लिए भी कभीकभी सुर्खियों में आ जाता है. इसलिए संप्रदाय विशेष के पर्वत्यौहारों पर यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के साथ चप्पेचप्पे पर पुलिस की पैनी नजर होती है.

19 अक्तूबर, 2018 को विजयदशमी का पर्व था. इस मौके पर शहर में आकर्षक सजावट के साथ मेला भी लगा हुआ था. मेले की वजह से पुलिस की सक्रियता अन्य दिनों की अपेक्षा उस दिन कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी.

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शहर के ही थाना दक्षिण टोला के थानाप्रभारी इंसपेक्टर धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव सुबह 10 बजे के करीब अपने कार्यालय में बैठे थे, तभी एक आदमी बदहवास स्थिति में उन के पास आया. उस के पीछेपीछे कुछ और लोग भी कार्यालय में आ गए. वह हाथ जोड़ कर रोते हुए बोला, ‘‘साहब, मेरे जिगर के टुकडे़ को बचा लीजिए. सुबह से उस का कोई पता नहीं चल पा रहा है.’’

इतना कहकह कर वह फूटफूट कर रो पड़ा.

इंसपेक्टर धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने उस आदमी को कुरसी पर बैठने के लिए इशारा करते हुए कहा, ‘‘आप घबराइए मत, पहले मन को शांत होने दीजिए, फिर मुझे बताएं कि आखिर हुआ क्या है आप के बेटे को, ताकि मैं आप की मदद कर सकूं.’’

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