लेखक- मोहम्मद आसिफ ‘कमल’ एडवोकेट
सौजन्या- मनोहर कहानियां
एनआरआई विशाला दुबई में रह रहे अपने पति से विदा ले कर 2 जुलाई, 2021 को अपनी बेटी के साथ कनार्टक आई थी. उस का कर्नाटक के उडुपी शहर में अपना अपार्टमेंट है, लेकिन उस समय वह वहां से कुछ दूरी पर स्थित एक सोसाइटी में अपने मातापिता के साथ रह रही थी. अपने मातापिता से बैंक का काम बता कर 12 जुलाई को वह घर से बाहर निकली थी. उस ने यह भी कहा था कि कुछ समय के लिए अपने अपार्टमेंट में भी जाएगी.
जब वह कई घंटे तक भी वापस नहीं लौटी तो घर वालों को चिंता होने लगी. उस के मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो वह स्विच्ड औफ मिला. घर वाले चिंतित हो गए. वह उस की तलाश में उस के अपार्टमेंट पर पहुंचे तो वहां का दरवाजा भिड़ा हुआ था. उन्होंने उसे हलका सा पुश किया तो खुल गया.अंदर का दृश्य देख कर परिजनों की चीख निकल गई. विशाला वहां मरी हुई पड़ी थी. घर का सारा सामान इधरउधर बिखरा हुआ था. विशाला के गहने भी गायब थे.
ये भी पढ़ें- प्यार का खौफनाक जुनून
विशाला के पिता ने उसी समय ब्रह्मावर थाने को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद थानाप्रभारी घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने गहन जांचपड़ताल की. वहां मोबाइल चार्जर का तार पड़ा मिला, लग रहा था कि उसी से गला घोंट कर विशाला की हत्या की गई थी. क्योंकि उस के गले पर निशान भी था.घर का सारा सामान बिखरा हुआ था. उस के गहने उतार लिए गए थे. पहली नजर में मामला लूट का विरोध करने पर हत्या करने का लग रहा था.