नोवल कोरोना वाइरस का कहर विभिन्न देशों पर बीती जनवरी से मंडरा रहा है. यह वाइरस न केवल व्यक्ति को शारीरिक रूप से प्रभावित कर रहा है बल्कि मानसिक रूप से भी हानि पहुंचा रहा है. वर्ल्ड हैल्थ और्गनाइजेशन के मानसिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानसिक रूप से हो रही क्षति को रोकने अथवा कम करने के लिए कुछ उपायों की सूची तैयार की गई है जिन्हें अपनाना हर व्यक्ति के लिए लाभकारी हो सकता है.
कोविड-19 जैसी महामारी के विस्तार में जितनी सजगता व सावधानी की आवश्यकता है उस से कही ज्यादा आवश्यकता मानसिक संबल की है. व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ होगा तो अपने साथसाथ अपने आसपास मौजूद व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य में भी मददगार सिद्ध होगा.
कोविड-19 के दौरान मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए निम्न बातें समझना अतिआवश्यक है:
• कोरोना वाइरस वैश्विक महामारी है और वे व्यक्ति जो इस दौरान विदेशी यात्रा पर थे इस बात से पूरी तरह अंजान थे कि वे इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. किसी भी व्यक्ति को इस बात के लिए मानसिक प्रताड़ना देना कि वह किसी और देश से अपने देश बीमारी लाने का वाहक बना है, गलत है.
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• कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति “कोविड केस” या “कोरोना वाला” नहीं है बल्कि केवल एक व्यक्ति है जिसे कोविड-19 हो गया है. वह व्यक्ति स्वस्थ होने के बाद एक बार फिर समाज का हिस्सा होगा. व्यक्ति की पहचान उस की बीमारी के तौर पर करना, या बनाना सही नहीं है. यह उस व्यक्ति के लिए मानसिक आघात हो सकता है.
• आम व्यक्ति जितना कम हो सके उतना न्यूज देखे, और कोरोना वाइरस की जानकारी रखे. जानकारी का ओवरडोज न करें. सुबह से शाम यदि आप घर बैठे इस वाइरस के एकएक खबर पर नजर रखते रहेंगे तो यह डर को केवल बढ़ाने का ही काम करेगा. एक निश्चित समय के लिए ही न्यूज़ आदि देखें.
• फैक्ट्स और मिथ को अलगअलग रखने के लिए विश्वसनीय वैबसाइट्स को देखें जिन से आप को सही जानकारी मिले.
• हो सकता है आप से ज्यादा आप के किसी दोस्त या जानने वाले के लिए यह स्थिति घातक हो. हो सकता है आप के परिवार में ही कोई व्यक्ति हो जो किसी से बात न कर रहा हो, अकेला रह रहा हो, अंदर ही अंदर नकारात्मकता से भर रहा हो. उस से बात कीजिए. यह कहने की बजाए कि “हम भी तो घर में हैं, हमें तो कुछ नहीं हो रहा” उस की स्थिति को समझिए और जानिए. सभी की मानसिक स्थिति एक सी नहीं होती.
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• आप की सोसाइटी या आसपड़ोस में यदि ऐसे व्यक्ति हैं जो हेल्थकेयर से जुड़े हैं या जिन का बाहर आनाजाना जरूरी है, उन्हें समाज से अलग करने की कोशिश मत कीजिए. वे बीमारी ले कर आएंगे इस भय को निकाल दीजिए. इन लोगों को इस समय अत्यधिक मानसिक संबल की आवश्यकता है, उन का साथ दीजिए न कि ताने या दुत्कार.
• ग्रुप लीडर्स या कंपनियों के मालिक जिन की टीम घर बैठे काम कर रही है, वे उन में काम बांटे. इस बात पर ध्यान दें कि ऐसे समय में कोई भी व्यक्ति मानसिक तनाव से न गुजरे. यह सुनिश्चित करें कि अत्यधिक तनाव और निम्नतम तनाव वाले व्यक्ति के बीच ज्यादा भेद न हो.
• मांबाप इस समय अपने बच्चों पर अधिक ध्यान दें. बच्चों के लिए यह स्थिति काफी अलग है, घर में बंद रहना, अपने दोस्तों से न मिल पाना आदि उन के लिए नया है. बच्चों से बात कर उन से उन के डर और भय को, उन की फीलिंग्स को एक्सप्रेस करने के लिए कहें.
• बच्चों के साथ खेलें, उन के समय को प्रौडक्टिव व क्रिएटिव कामों में बांटे. बच्चों को अच्छा वातावरण दें जिस से वे खुद को मुक्त महसूस करें और बोर न हों. बच्चों की मानसिक स्थिति पर कोई फर्क न पड़े इस के लिए मातापिता का सजग होना जरूरी है.
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• कोरोना वाइरस के समय में बच्चों के मन में अनेक सवाल उमड़घुमड़ रहे होंगे. ऐसे में उन्हें एंजाइटी भी हो सकती है. बच्चे अपने मातापिता को देख कर भी स्थिति भांपने की कोशिश करते हैं. बच्चों को कोरोना वाइरस के बारे में बताइए, अपने मजे के लिए या उन पर हंसने के लिए उन्हें डराने की कोशिश न करें.
• यदि आप मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं तो इस बारे में किसी से चर्चा कीजिए, हो सके तो किसी मनोवैज्ञानिक से बात कीजिए. जिन चीजों से आप को परेशानी हो रही है उन से दूर रहिए और वे काम कीजिए जो आप को खुशी देते हों.