कोरोना संकट से बचने के लिए यह दवा एक चर्चा का विषय बना हुआ है, बीते सप्ताह हमारे देश के स्वास्थ्य मंत्रालय और आइसीएमआर ने आम लोगों के लिए इस दवा के सेवन पर पाबंदी लगते हुए,  इसकी खुली बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया. वही दूसरे तरफ कोरोना मरीजों के इलाज और उनकी देखभाल में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को यह दवा दिये जाने की अनुशंसा किया . साथ ही इसके लिए एक विस्तृत गाइडलाइंस भी जारी कर दिया . बात यही नहीं रुकी सरकार ने इस दवा को एक बड़े खेप का आर्डर भी दवा कंपनियों कर से दिया. इस सबके बीच आश्चर्य की बात तब हुए जब बीते शनिवार को  दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से बातचीत कर मदद मांगी और जल्द से जल्द  ‘ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टेबलेट्स ‘ मुहैया कराने का अनुरोध किया. तो आइये जानते है आखिर क्यों इतना मांग में है यह टैबलेट :-

@ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन  क्या है ? 

*  यह दवा एक मलेरिया रोधी दवा है. इसका उपयोग ऑटोइम्यून रोगों जैसे कि संधिशोथ( Arthritis) के उपचार में भी किया जाता है, लेकिन इन दिनों कोरोना से बचाव में इस्तेमाल के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है .

@ कब से आया चर्चा में :- 

* 19 मार्च को ‘द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ’ नामक जनरल में एक आर्टिकल में इस दवा के फायदे और बीमारियों से लड़ने की क्षमता के बारे में बताया गया. इस आर्टिकल मे इस बात पर जोर दिया गया कि यह दवा कोरोनो वायरस के खिलाफ एंटी-वायरल तरीके से काम करती है.

ये भी पढ़ें-मूंगफली में छिपा सेहत का खजाना

* 21 मार्च को  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन-एज़िथ्रोमाइसिन के बारे में  ट्वीट कर कोरोना से बचने के लिए, इन दवाओं का इस्तेमाल करने की बात कही.

@ क्यों कारगर मन जा रहा है इस दवा हो :- 

* इस दवा के बारे में शोधकर्ताओं का मानना है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के साथ प्रोफिलैक्सिस का डोज लेने से SARS-CoV-2 संक्रमण और वायरल को बढ़ने से रोका जा सकता है.

@ सरकार ने क्यों लगाया प्रतिबंध :- 

* कोरोना को लेकर फैले खौंफ के बीच अचानक इस दवा को लेकर अफवाह उड़ी कि ये दवा कोरोना से बचा सकती है. जिसके बाद लोगों ने इस दवा को जमा करना शुरू कर दिया. परिणाम ये हुआ कि मेडिकल स्टोर से यह दवा गायब हो गई. इसकी कमी न हो इस बात का ध्यान रखते हुए सरकार ने इसके खुले विक्री और निर्यात पर 25 मार्च 2020 से ही प्रतिबन्ध लगा दिया .

@ इस्तेमाल के लिए जारी किया गाइडलाइन :-   इस दवा को लेकर भारतीय चिकित्सा शोध परिषद कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, जिनमे डॉक्टर, नर्से, सफाई कर्मचारी, हेल्पर आदि शामिल हैं, इनके इलाज के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन को इस्तेमाल की सिफारिश किया गया है. जिसके बाद, इसके साथ भारतीय दवा महानियंत्रक ने इमरजेंसी जैसे हालात होने पर प्रतिबंधित रूप से इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दी है.

@ कुछ साइड साइड इफेक्ट भी है :- 

* बिना डॉक्टरों के सलाह के बिना इस दवा का उपयोग कतई नहीं करना है . इस दवा के जानकर कहना है कि इस दवा के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं. सामान्य साइड इफ़ेक्ट की बात करें तो इसके अंतर्गत सिरदर्द, चक्कर आना, भूख मर जाना, मतली, दस्त, पेट दर्द, उल्टी और त्वचा पर लाल चकत्ते होना शामिल हैं. इसके अलावा इस दवा को अधिक या इसकी ओवरडोज लेने से दौरे भी पड़ सकते हैं या मरीज बेहोश हो सकता है. अंत बिना डॉक्टरों के सलाह लिए इसका उपयोग बिलकुल नहीं करना है .

ये भी पढ़ें-#lockdown: घर के पौष्टिक आहार से बनाये बच्चों को तंदरुस्त !

* आइसीएमआर का कहना है कि आम लोगों को खुद ही कोरोना से बचने के लिए इस दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के स्वास्थ्य पर पूरी निगरानी रखी जाती है, इसीलिए इस दवा के दुष्प्रभाव को आसानी से ठीक किया जा सकता है. वहीं कई मामलों में आम लोगों के लिए यह घातक साबित हो सकता है. आइसीएमआर के अनुसार 15 वर्ष से कम उम्र के लोग को यह दवा नहीं दी जा सकती.

@ अमेरिका ने क्यों मांग रहा है :- 

चीन के बाद भारत में इस दवा का अत्यधिक उत्पादन होता है. भारत अपने यहाँ के मलेरिया के मरीज के उपचार के लिए कई करोड़ों में इसका उत्पादन करता है. अभी अमेरिका में इस दवा का सख्त जरूर है , इसलिए अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश ने भारत से जल्द से जल्द इस दवा खेप को भेजने को कहा है .

 

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...