हमारे पड़ोस में शुक्ला परिवार रहता था. उस परिवार में पति, पत्नी और 2 बच्चे थे. बच्चों में बेटी आरती बड़ी थी और बेटा रोहन 7 वर्ष का था. मांबाप का दुलारा होने के कारण रोहन काफी जिद्दी स्वभाव का हो गया था परिवार के मुखिया अमित जब भी कोई खानेपीने का सामान घर लाते, उस सामान पर रोहन अपना अधिकार जमा कर परिवार के किसी सदस्य को न देता. उस की इस खराब आदत से परिवार के सभी लोग परेशान थे. एक बार अमित एक दर्जन केले और आधा किलो सेब ले कर आए. रोहन ने जैसे ही देखा, अपनी आदत के अनुसार सेब और केले पर अपना हक जमा लिया और कहने लगा, ‘‘यह सब केले और सेब मैं ही खाऊंगा, किसी को भी कुछ नहीं दूंगा.’’

अमित को गुस्सा आ गया, कहने लगे, ‘‘ठीक है, ये सेब और केले तुम अकेले ही खाओगे, अगर एक भी केला और सेब छोड़ा तो मारमार कर हड्डीपसली एक कर दूंगा.’’ रोहन सेब और केले खाने लगा. जब पेट भर गया तो केले और सेब छोड़ कर डर के मारे रोने लगा. उस दिन के बाद से उस की जिद करने की आदत छूट गई.

- विवेक कुमार यादव, नीलगिरी (तमिलनाडु)

*
मेरे पति बहुत शराब पीते थे. उन की इस आदत के कारण मैं बहुत परेशान रहती थी. पीने के बाद कई बार ये ऐसी हरकतें करते थे जिस से मुझे सब के सामने बहुत शर्मिंदा होना पड़ता था. शराब के कारण हम दोनों पतिपत्नी की आपस में लड़ाई भी बहुत होती थी. कईकई दिनों तक बोलचाल बंद रहती थी. फिर भी इन्होंने शराब पीना नहीं छोड़ा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...