अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को भोपाल में योग कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी क्योंकि वहां के योगप्रेमी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चीन यात्रा पर थे. लाल परेड मैदान पर आयोजित समारोह में योग के दौरान स्मृति असहज दिखीं और योग क्रियाओं के दौरान 3-4 बार लड़खड़ाईं तो मौजूद नेताओं और अधिकारियों का कुम्भक, रेचक और पूरक सबकुछ मंत्राणी पर केंद्रित हो कर रह गया कि कहीं ऐसा न हो कि वे गिर जाने की हद तक लड़खड़ा जाएं.

सिद्ध हो गया कि योग सियासी शिगूफा भर है और खुद मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य इसे नहीं कर पाते. दरअसल,  योग को लोग अब पूंजीवाद और नई धार्मिक दुकानदारी से जोड़ कर भी देखने लगे हैं, तो बात हैरानी की नहीं. फजीहत से बचने के लिए बेहतर होगा कि आगामी सालों में स्मृति जैसे मंत्रियों को हरिद्वार में योग का प्रशिक्षण दिलवाया जाए.

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