मैं 33 वर्षीय विधवा, 2 बच्चों की मां हूं. हिंदू होते हुए एक 27 वर्षीय मुसलिम लड़के से प्यार करती हूं. हमारे बीच शारीरिक संबंध भी हैं. पर हाल ही में मुझे पता चला है कि वह भी शादीशुदा है और 2 बच्चों का पिता है. इसी बीच, मेरा आकर्षण अपने फेसबुक फ्रैंड की तरफ भी हो रहा है जो उम्र में मुझ से छोटा है. वह भी मुझे प्यार करता है. मेरे बारे में सबकुछ जानने के बाद भी वह मुझ से शादी के लिए तैयार है. मुझे लगता है कि इस नए लड़के के साथ शादी करना पहले लड़के के साथ धोखा होगा पर उस से शादी कर के मैं उस के खुशहाल परिवार को बरबाद नहीं होने देना चाहती. मुझे क्या करना चाहिए?

दरअसल, आप 2 नावों पर सवार हैं. रिश्ते ऐसे भावनाओं में बह कर न तो बनाए जाते हैं न तोड़े जाते हैं. एक पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद दूसरे पुरुष की ओर आकर्षित होना आप की कमजोरी को दर्शाता है, जो आप के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. 2 बच्चों के पिता से शादी कर आप क्यों उस की गृहस्थी में आग लगाना चाहती हैं. आप के लिए उसे भूल जाना ही बेहतर होगा. जहां तक फेसबुक फ्रैंड से शादी करने की बात है तो ऐसी दोस्ती महज एक छलावा होती है. ऐसे लड़कों का मकसद महज मनोरंजन करना होता है, उन के प्यार में गंभीरता नहीं होती. इसलिए जो भी फैसला लें अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रख कर लें.

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मैं 58 वर्षीय प्रौढ़ व्यक्ति हूं. एमए करने के बाद भी बेरोजगार हूं. पिछले कई वर्षों से डिप्रैशन का इलाज चल रहा है. बेरोजगार होने व मानसिक रोग के कारण परिवार के लोग उपेक्षा से देखते हैं. पत्नी व 3 बच्चे हैं. पत्नी की तरफ से भी प्यार व सहानुभूति का अभाव है.28 वर्षीय पुत्री विवाह योग्य है. जीवन से निराश हो गया हूं लेकिन आत्महत्या करना सही नहीं मानता. परिवार में केवल छोटी बहन मुझे सम्मान व प्यार देती है. जीवन में अपनों का प्यार व खुशियां कैसे लौटें, राह दिखाइए.

आप की समस्या के मूल में आप का कुछ न करना यानी खाली रहना है. स्वयं को किसी भी सकारात्मक कार्य में व्यस्त कीजिए. परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझिए. जीवन से निराश हो कर हाथ पर हाथ रख कर बैठ जाना समस्या का समाधान नहीं है. अपनी छोटी बहन की मदद से कुछ काम शुरू कीजिए, आप को परिवार का प्यार व सम्मान अवश्य मिलेगा.

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मैं 32 वर्षीया विवाहिता हूं. मेरी एक 3 साल की बेटी है. मैं और मेरे पति दोनों कामकाजी हैं. मेरी समस्या का कारण मेरे पति हैं. वे न तो औफिस के कामों में दिलचस्पी लेते हैं न बेटी की कोई जिम्मेदारी उठाते हैं. बेटी का सारा खर्च मैं ही उठाती हूं. पति लगभग सारा दिन घर पर बैठ कर टीवी देखते हैं और मेरे कामों में गलतियां निकाल कर मुझे अपमानित करते रहते हैं, घर से निकल जाने को कहते हैं. सास भी पति का साथ देती हैं और मुझ से चुप रहने को कहती हैं. मैं मातापिता के घर भी नहीं जा सकती क्योंकि वे अस्वस्थ रहते हैं. इस समस्या से कैसे निबटूं, आप ही बताइए?

आप सब से पहले पति व सासससुर के साथ बैठ कर गंभीरता से बात करें. अपनी परेशानी बताएं. अगर वे मदद नहीं करते तो कानूनी कदम उठाने की धमकी भी दे सकती हैं. जहां तक पति के औफिस के कार्यों में दिलचस्पी न लेने की बात है, कोई भी संस्था उन्हें बिना काम के ज्यादा दिन तक नौकरी पर नहीं रखेगी. ऐसी नौबत आए, उस से पहले उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराइए.  आप के पति आप को क्यों अपमानित करते हैं, इस की वजह जानने की कोशिश कीजिए, हो सकता है आप में कोई कमी हो या आप का व्यवहार उन के प्रति ठीक न हो. आप उन्हें प्यार व मनुहार से मनाने का प्रयास करें. हो सकता है उन का व्यवहार बदल जाए. अगर वे तब भी नहीं सुधरते तो पति के किसी दोस्त या सहकर्मी की मदद ले सकती हैं. घर छोड़ कर हरगिज न जाएं व बेटी के खर्च की जिम्मेदारी भी खुद न उठाएं, पति पर डालें. कब तक वे अपनी जिम्मेदारी से भागेंगे?

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मैं 32 वर्षीया विवाहिता हूं. मेरा एक 6 वर्षीय बेटा है. प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती हूं. विवाह को 8 साल हो गए हैं. शादीशुदा जीवन ठीकठाक चल रहा है. कुछ दिनों से मेरे औफिस का एक सहकर्मी मुझे अच्छा लगने लगा है. उसे देखना, उस से चैटिंग करना अच्छा लगता है. क्या शादीशुदा होने के बाद किसी के प्रति आकर्षित होना गलत है. इस के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं? क्या यह पति के साथ धोखा होगा?

विपरीत लिंगी के प्रति झुकाव स्वाभाविक है. यह एक हद तक मर्यादा में रह कर ही होना चाहिए, पर आप की समस्या को जान कर ऐसा लगता है कि आप समझदार होते हुए भी और सबकुछ समझते हुए भी गड्ढे में गिरने को तैयार हैं. कुछ लोग जब तक किसी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाते, समझते हैं कि वे परिवार को धोखा नहीं दे रहे जबकि शादी के बाद किसी अन्य के प्रति आकर्षित होना आप की पारिवारिक जिंदगी पर प्रभाव डाल सकता है.

प्यार व आकर्षण में कनफ्यूज न हों. आकर्षण क्षणभंगुर होता है जबकि पतिपत्नी के प्यार में विश्वास व अपनापन होता है. शुरूशुरू का आकर्षण हो सकता है अफेयर तक चला जाए जिस का असर आप की शादीशुदा जिंदगी पर पड़ेगा. अच्छा होगा उस सहकर्मी की तरफ से ध्यान हटा कर परिवार व पति पर ध्यान दीजिए.

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