आर्ट औफ लिविंग का हुनर और आकर्षक आयुर्वेदिक दवाइयां बेच रहे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर किस कोने में खिसियाए से बैठे अपना गम मिटा रहे हैं, यह किसी को नहीं पता पर यह हर किसी को मालूम है कि उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुरे तरीके से लताड़ते हुए जता दिया था कि बातबात में सुलह की सरपंची ठीक नहीं होती.

हुआ यों था कि रविशंकर को गलतफहमी हो आई थी कि अगर पहल और मध्यस्थता की जाए तो राममंदिर विवाद सुलझ भी सकता है. जोशजोश में वे लखनऊ जा कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अयोध्या के संतों, महंतों और मुसलिम धर्मगुरुओं से मिले भी. इस पर मोहन भागवत ने सर्द लहजे में इशारा कर दिया कि वे मंदिर विवाद के फटे में टांग न अड़ाएं. इस बेइज्जती से रविशंकर को सुकून से रहने का फार्मूला मिल गया कि उन्हें मंदिर विवाद सुलझाने के लिए तो पैदा नहीं किया गया था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...