धीमी हंसी को मुसकराहट और तेज हंसी को अट्टहास कहते हैं. रामानंद सागर के सीरियल ‘रामायण’ में राक्षस जब अट्टहास करते थे तो टीवी के स्पीकर तक सहम जाते थे. संसद में कांग्रेस नेत्री रेणुका चौधरी न मुसकराई थीं और न ही उन्होंने अट्टहास किया था, वे तो सिर्फ हंसी थीं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतनी नागवार गुजरी कि उन्हें रावण की बहन शूर्पणखा याद हो आई. इस याद को उन्होंने संसदीय किया तो महाभारत छिड़ गया.
देश तो है ही, पर अब संसद भी पौराणिकमय हो चली है. कभीकभी तो भ्रम हो आता है कि कहीं यह सचमुच का राम दरबार तो नहीं जहां कोई महिला हंसने की भी गुस्ताखी करती है तो बेवजह उस की नाक अहिंसक तरीके से काट ली जाती है.
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