मम्मी से मिलने मैं घर गई. दोपहर का समय था. मम्मी से बात करतेकरते कुछ ही समय हुआ, मम्मी ने कहा कि रानी (मुझे घर में रानी कह कर पुकारते हैं), मेरा सिर दुख रहा है और घबराहट भी हो रही है. मैं मम्मी को तुरंत अपने फैमिली डाक्टर के क्लीनिक ले गई. उन्होंने चैकअप कर के कहा कि इन्हें तुरंत अस्पताल ले जाओ. मैं मम्मी को अस्पताल ले गई. रास्ते में मैं ने पति को फोन कर के कहा कि मैं मम्मी को अस्पताल ले जा रही हूं. तुम बड़ी बहन मधु व पापा को खबर कर देना. वे दोनों विदेश में थे. डाक्टरों ने मम्मी का चैकअप किया और कहा, ‘हम कोशिश करते हैं.’ मम्मी बेहोश हो गई थीं. डाक्टरों ने कहा कि अगर 1 घंटे में होश आ गया तो वे बच सकती हैं वरना...’ मैं घबरा गई.

मेरे भैयाभाभी और मामामामी भी अस्पताल आ गए थे. सब का रोरो कर बुरा हाल था. डाक्टरों के कठिन प्रयास से मम्मी होश में आ गईं. बाद में मम्मी को प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया गया. दूसरे दिन बड़ी बहन व पापा भी विदेश से आ गए. सब को एकसाथ देख कर मम्मी के चेहरे पर थोड़ी सी मुसकान आ गई. तब पापा ने मम्मी के पास जा कर कहा, ‘‘महारानी, (पापा मम्मी को प्यार से महारानी कहते हैं), तुम ने तो कहा था कि हम दोनों शादी के पूरे 50 वर्ष मनाएंगे और तुम इतनी जल्दी, 47 वर्ष में ही, जा रही थी.’’ तब मम्मी की हंसी निकल गई. मम्मी को हंसता देख हम सभी लोगों के चेहरे खुशी से चमक उठे. आज मम्मी पूरी तरह स्वस्थ हैं.

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