मेरा 6 वर्षीय छोटा भाई आकाश बहुत ही हाजिरजवाब है. हम लोग मम्मी के साथ नानी के घर गए थे. वहीं से हमें एक शादी में जाना था. कुछ देर वहां रह कर हम लोग जाने लगे तो नानी हम लोगों को बसस्टैंड तक छोड़ने आईं.
रास्ते में न जाने कैसे आकाश नाली में गिर गया. अब शादी में गंदे कपड़े पहन कर कैसे जाता, इसलिए नानी ने उस को नए कपड़े दिलवा दिए.
कुछ दूर चलने के बाद वह मुझ से बोला, ‘‘दीदी, इस बार तुम नाली में गिर जाना. नानी, तुम्हें भी नए कपड़े दिला देंगी.’’ यह सुनते ही हम सब को हंसी आ गई.
स्वाति अरोरा
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मेरा धेवता अनव घर में टीवी देख रहा था. उस के दादाजी भी आ कर टीवी देखने लगे.
दादाजी बारबार समाचार चैनलों को बदलबदल कर देख रहे थे. थोड़ी देर तक वह चुप बैठा देखता रहा. फिर अचानक पूछ बैठा, ‘‘दादाजी, क्या कल आप को इन चैनलों का कोई इम्तिहान देना है?’’ पहले तो वे समझ ही नहीं पाए, फिर जब समझे तब हंसी के मारे कुछ कह ही नहीं पाए. बस, हंसते रहे.
मंजू गोयल
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मैं ट्यूशन पढ़ा रही थी. मेरे घर में गैस्ट आ गए. मैं ने बच्चों से कहा, ‘‘आप अब जाओ, मेरे घर में गैस्ट आए हैं. अब कल आना.’’
मैं ने 6 वर्षीय अंकित से पूछा, ‘‘अपने घर जा कर क्या कहोगे?’’
वह मासूमियत से बोला, ‘‘मैं कह दूंगा कि दीदी के घर में गैस वाले आए हैं.’’
यह सुन कर हम सभी हंसे बिना न रह सके.
अलका शर्मा
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बात पुरानी है जब मेरा बेटा 3 साल का था. वह गायिका अनुराधा पौडवाल को बहुत पसंद करता था. उन्हीं दिनों वे उज्जैन आईं तो जगहजगह पर उन की तसवीरें लगी थीं. एक दिन बेटे ने आ कर कहा, ‘‘मां, फुटबौल आंटी आ रही हैं.’’ हमें कुछ समझ नहीं आया तो उस ने उन की तसवीर दिखाई तो हम सभी को हंसी आ गई.
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