शहर की एक पौश कालोनी की महिलाओं की किट्टी पार्टी एक सुरक्षित समझी जाने वाली गेटबंद कालोनी में थी. किट्टी में 20 महिलाएं थीं तथा
2 लाख रुपए की किट्टी थी. स्वाभाविक है कि सभी संपन्न घराने की महिलाएं थीं तो गहने भी कीमती पहने हुए थीं.
अभी तंबोला चल ही रहा था कि मुंह पर कपड़ा लपेटे 3 लड़के हाथ में तमंचे लिए घुसे. किट्टी का बैग कब्जे में करने के साथ ही उन्होंने सब की ज्वैलरी, मोबाइल कब्जे में लिए, पर्स खाली कराए, थैलों में डाले और चलते बने.
न चौकीदार कुछ समझ पाया न अन्य कोई. लुटेरों को हर बात की पक्की जानकारी थी. किट्टी पार्टी के लिए सामान ले कर आए हैं, यह कह कर वे घर में घुसे थे. सामान दिखाने के लिए उन्होंने थैलों में रद्दी अखबार भर रखे थे.

 डा. शशि गोयल, आगरा (उ.प्र.)

एक दिन मुझे एक शादी में जाने का  मौका मिला. वहां वर पक्ष की तरफ से एक पंडितजी आए हुए थे. लोगों ने बताया कि वे व्यक्ति का माथा पढ़ कर उस के बारे में बताते हैं.
पंडितजी ने कई लोगों को कुछ न कुछ बताया. एक सज्जन से कहा कि वे पारिवारिक कलह के कारण परेशान रहेंगे. किसी से कहा कि तुम्हारी शादी टूट जाएगी, किसी से कहा कि तुम्हारा बेटा तुम्हें तंग करेगा. इस तरह वे कुछ न कुछ कहते रहे. इस कारण शादी में आए लोग अपने बारे में जान कर तनाव में आ गए थे और उन से उपाय का कारण जानना चाह रहे थे. शादी के माहौल में पंडितजी के पास समय न था इसलिए वे सभी को 15 दिन बाद का मिलने का समय और अपना मोबाइल नंबर दे रहे थे. कुछ इस तरह पंडितजी लोगों को तनाव में डाल कर अपने ठगी के धंधे का प्रचार कर रहे थे.

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