एक दिन मेरा ग्वाला आया. बोलाकि उसे भैंस खरीदनी है, 10 हजार रुपए कम पड़ रहे हैं. उसे बैंक से लोन मिल रहा है, आप कृपया गवाह बन जाएं. मैं ने पहले मना कर दिया पर उस के बहुत आग्रह करने पर मैं तैयार हो गई. बहुत समय बीत जाने पर न उस ने लोन भरा और न रुपया लौटाया. गवाह बनने से बैंक ने मु झे बारबार नोटिस भेजा और मु झे 10 हजार रुपए चुकान पड़े. इस तरह एक अनपढ़ ग्वाला मु झे दिन दहाडे़ बेवकूफ बना गया.
चंद्रिका जागानी, बर्दवान (प.बं.)
*
कुछ वर्ष पहले की बात है. जाड़े के दिन थे. मैं और मेरी चाची बरामदे में बैठ कर गुनगुनी धूप का आनंद ले रहे थे. तभी एक व्यक्ति आया और बोला कि 10 रुपए में पायल साफ करा लीजिए. मैं ने व मेरी चाची ने 20 रुपए में पायलें साफ करवा लीं. तभी वह चाची की तरफ मुड़ कर बोला, ‘‘बहनजी, आप चेन भी साफ करवा लीजिए.’’ चाची ने गले से चेन उतार कर उसे दे दी. हम सामने ही बैठे थे. जब उस ने चेन साफ कर के दी तो वह बहुत पतली हो गई थी. मैं ने उस से कहा, ‘‘अरे, यह तो बहुत पतली हो गई. यह क्या किया तुम ने.’’
मैं चिल्लाने लगी, ‘‘चाची, पुलिस को फोन करो.’’ तभी वह तुरंत अपना सामान एवं साफ किया पानी उठा कर भागने लगा. घर में कोई और न होने पर वह भागने में सफल हो गया. चेन दिखाने पर पता चला कि वह तेजाब में सोना साफ कर के सोना गला कर ले गया और चेन पतली कर गया.