बाजार में खाद्य सामग्री तथा पेय पदार्थ को ले कर कई तरह की शिकायतें आती रहती हैं. हाल में मथुरा में अक्षय पात्र जैसी मशहूर संस्था द्वारा स्कूली बच्चों को उपलब्ध कराए गए मिड डे मील में दिए गए दूध के पैकेट को पीने से 3 बच्चों तथा एक सहायिका की मौत हो गई तथा 40 अन्य बच्चों को अस्पताल में दाखिल कराया गया. दरअसल यह पैकेजिंग में मानकों का पालन नहीं करने का परिणाम था. भारतीय मानक ब्यूरो यानी आईएसबी इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े नियम बना रहा है. खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण का कहना है कि वह नियमावली तैयार कर रहा है जो अमेरिका, ब्रिटेन और गैरविकसित देशों में जारी मानकों के स्तर की होगी. विकसित देश जिस तरह के मानकों को अपने यहां खाद्य तथा पेय पैकेटों में इस्तेमाल कर रहे हैं उसी तरह के वैश्विक स्तर के मानकों का प्रयोग सरकार करना चाहती है.

प्राधिकरण का कहना है कि पैकेट पर निर्माता कंपनी को सुरक्षा संबंधी नियमावली के पालन किए गए मानकों का विवरण देना होगा. नियमावली बनाने से पहले हैदराबाद स्थित भारतीय पैकेजिंग संस्थान से विचारविमर्श किया जा रहा है. अब तक पैकेज में उस में रखे सामान तथा उस के ग्रेड का विवरण होता है लेकिन नए नियमों के तहत पैकेजिंग को और ज्यादा पारदर्शी बनाया जाएगा. नियमों का पालन घरेलू तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सख्ती से करना पड़ेगा. इस पैकेजिंग का सब से बड़ा फायदा यह होगा कि पैकेट में रखे सामान पर किसी भी तापमान में रखे जाने पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. पैकेज का सामान अलगअलग तापमान से प्रभावित नहीं होगा.

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