काले धन का ब्योरा देने की योजना के तहत घोषित की गई अचल संपत्ति को बेनामीदार से उसके असली मालिक के नाम ट्रांसफर करने पर कैपिटल गेन टैक्स और एक प्रतिशत टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) नहीं लगेगा. सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक तौर पर स्पष्टीकरण जारी किया है. सरकार का कहना है कि बेनामीदार के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने वाला असली मालिक पहले ही भुगतान कर चुका है. इसलिए बेनामीदार को किसी राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा. ऐसी स्थिति में उस पर कैपिटल गेन नहीं लगेगा. खास बात यह है कि इस योजना के तहत बेनामी अचल संपत्तियों का ब्योरा देने वालों पर मामला भी नहीं चलेगा. उन्हें बस उस संपत्ति के मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से सरकार को 45 प्रतिशत टैक्स, सेस और पेनाल्टी का भुगतान करना होगा.
सरकार ने देश के भीतर छुपे कालेधन को निकालने के लिए आय घोषणा योजना एक जून को शुरू की है जो 30 सितंबर तक चलेगी. हालांकि इस अवधि में बेनामी अचल संपत्ति को उजागर करने वाले लोग अगले साल 30 सितंबर तक उक्त संपत्ति को अपने नाम करा सकेंगे. ऐसा करने पर बेनामीदार को कोई कैपिटल गेन टैक्स या एक प्रतिशत टीसीएस नहीं देना होगा. बेनामीदार वह व्यक्ति होता है जिसके नाम से कोई अन्य व्यक्ति संपत्ति खरीदता है.
आयकर विभाग के अनुसार आय घोषणा योजना 2016 की अवधि में जो भी लोग बेनामी संपत्ति को इसके असली मालिक के नाम ट्रांसफर करेंगे, वैसे मामलों में बेनामीदार पर कैपिटल गेन टैक्स और एक प्रतिशत टीसीएस नहीं लगेगा. विभाग का कहना है कि ऐसे मामले में बेनामी प्रॉपर्टी खरीदने के लिए असली मालिक (बेनिफिशियल ओनर) पहले ही भुगतान कर चुका है और अपनी आय का विवरण देते समय इसका बाजार मूल्य घोषित कर चुका है. बेनामीदार के नाम से वास्तविक मालिक के नाम अचल संपत्ति का ट्रांसफर महज नियमितीकरण के लिए है, इसलिए बेनामीदार को इस पर न तो एक प्रतिशत टीसीएस देना होगा और न ही कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होगा.
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