चालू वर्ष में पिछले माह के दौरान भारतीय कॉरपोरेट बाजार में मर्जर और अधिग्रहण की गतिविधियों में मजबूती का रुख देखने को मिला है. इसके साथ ही यह भी बता दे कि मामले में सामने आई ग्रेंट थोरटन की रिपोर्ट से यह पता चला है कि मार्च महीने में कुल 540 करोड़ डॉलर के सौदों को अंजाम दिया गया है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 8 गुना अधिक है.

जहाँ इस वर्ष में मार्च के दौरान 48 मर्जर और अधिग्रहण के सौदे होते हुए देखे गए है तो वहीँ यह बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष के दौरान सौदों की यह संख्या 43 थी. मर्जर और अधिग्रहण की कीमत को मजबूती मुख्य रूप से 2 बड़े अधिग्रहण से मिली है.

इसमें पहला अधिग्रहण 130 करोड़ डॉलर में टास-यूरयोख ऑयल फील्ड के अधिग्रहण है और दूसरा सौदा टायर मैन्युफैक्चरर अलायंस ग्रुप का है. यह अधिग्र्रहण 120 करोड़ डॉलर का बताया जा रहा है. जानकारी में यह भी बता दे कि जनवरी से मार्च की माह अवधि में कुल 892 करोड़ डॉलर के मर्जर और अधिग्रहण के सौदे को अंजाम दिया गया है. वही यह भी बताया जा रहा है कि इस अवधि में टेलीकॉम, एनर्जी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे अधिक सौदे किये गए है.

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