जब मैंने पहली बार इस कैंडी (पल्स) को टेस्ट किया तो बहुत अच्छा लगा. फिर तो बस एक से बात नहीं बात नहीं बनती और मैं दो-चार तो आराम से एंजॉय करती हूं.

वैसे मुझे नहीं पता था कि इस टॉफी को टेस्ट सभी को इतना पसंद आ रहा है क्योंकि इससे जुड़ी जो खबर आ रही है, वह वाकई चौंकाने वाली है.

हो सकता है कि आपको विदेशी, डार्क, कॉफी और मंहगी चॉकलेट्स पसंद आती हों, और आप पल्स चॉकलेट को तरजीह न देते हों, लेकिन विश्वास मानिए कि धरमपाल सत्यपाल (डीएस) ग्रुप की पल्स कैंडी ने चॉकलेट और कैंडी जगत में तूफान ला दिया है.

कच्चे आम के फ्लेवर वाली पल्स ने लोगों के दिलों को कुछ ऐसे जीता है कि लोग इसे 2-4 के बजाय सैकड़ों की संख्या में खरीद रहे हैं. इस कैंडी की कीमत 1 रुपये है, इस कैंडी के सप्लाई और डिमांड के बीच गैप इतना अधिक बढ़ गया है कि हमारे आसपास के जनरल स्टोर्स और पान की दुकानों पर यह मिल नहीं रहा है, और कहीं-कहीं तो यह 1.50 रुपये में बिक रही है. जबकि इसकी एमआरपी एक रुपया है.

पल्स कैंडी के निर्माता डीएस ग्रुप ने इस कैंडी लॉन्च के 8 माह के भीतर ही 100 करोड़ का कारोबार कर लिया. इसके निर्माता कहते हैं कि इसने कोका-कोला के कोक जीरो नामक डाइट ड्रिंक के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है.

नोएडा में स्थित इस ग्रुप ने पल्स कैंडी को सिर्फ राजस्थान, दिल्ली और गुजरात में ही लॉन्च किया था, और इस कैंडी की पॉपुलैरिटी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस पूरे प्रकरण की सबसे अच्छी और अलहदा बात है कि इसके लिए उन्होंने किसी विज्ञापन या पब्लिसिटी का सहारा नहीं लिया है. यह सब-कुछ मुंहबोली पब्लिसिटी से होते हुए देखा गया है.

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