अच्छी सेहत को भी वरदान माना जाता है. पर इस वरदान को भी सुरक्षा की जरूरत पड़ने लगी है. आज के जमाने में जीवनशैली और खान-पान के तौर-तरीके बदलने से बीमारियां भी बढ़ने लगे हैं. इसके साथ-साथ हेल्थ केयर के खर्चे भी बेतहाशा बढ़ गए हैं. परिवार के एक सदस्य को भी अगर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है, तो मेडिकल बिल देखकर दिन में तारे नजर आने लगते हैं. ऐसे ही हालात में आर्थिक सुरक्षा देने का काम करता है हेल्थ इंश्योरेंस.
पर लोगों के साथ आमतौर पर एक समस्या आती है कि इसे कब खरीदें? यानी हेल्थ इंश्योरेंस किस उम्र में कराया जाए? इस सवाल के जवाब के लिए सही तरीका ये है कि आप अपनी जीवनशैली और जरूरत को समझें. हर इंसान को खुद यह निर्णय करना होता है कि उसकी जीवनशैली और उसकी पारिवारिक जरूरतों के आधार पर उसकी आवश्यकताएं क्या हैं. वह किस तरह का लाभ चाहता है. उसे कितनी राशि का कवर चाहिए और यह भी कि उसकी लागत क्या है.
कम उम्र में लेने से फायदा आज की उतार-चढ़ाव भरी दुनिया में हेल्थ इंश्योरेंस लेने का फैसला जल्दी करें. सबसे बेहतर तो यह रहेगा कि इसे कम उम्र में ही ले लें. जैसे-जैसे आपकी आयु उम्र बढ़ेगी वैसे-वैसे इसका प्रीमियम भी बढ़ता जाता है. बता दें कि 3 माह से लेकर 60 साल या इससे ज्यादा उम्र का कोई भी इंसान हेल्थ इंश्योरेंस पौलिसी ले सकता है.
अगर आप भी यह सोच रहे हैं कि कुछ सालों के बाद जाकर हेल्थ पौलिसी लेंगे तो अपने विचार को बदल दें. जीवन में देरी से हेल्थ पौलिसी लेना आपकी हेल्थ और जेब दोनों को महंगा पड़ सकता है. जान लें कि हेल्थ पौलिसी उम्र के हिसाब से नहीं लेनी चाहिए. बल्कि हेल्थ पौलिसी तब लेनी चाहिए, जबकि आप आर्थिक रुप से मजबूत हों. जानें ऐसे कौन से कारण है जिनके चलते कम उम्र में ही हेल्थ पौलिसी लेनी चाहिए.
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