कार की खरीदारी एक अहम फैसला है और सभी खरीदारों के लिए यह उनके जीवन में मील का पत्थर होता है. कई ग्राहक कार खरीदने से पहले पूरी तरह से शोध करते हैं जो सभी जरूरतों पर खरा उतरे साथ ही उसकी लागत भी कम हो. कई बार ग्राहक वह बीमा खरीद लेता है जो महंगा होता है और उसकी जरूरतों के अनुरूप भी नहीं होता है. आइये जानें कि क्या ना करें कार खरीदते समय.

बीमा लेने से पहले लगांए पता

कार खरीदते समय यह जरूर ध्यान रखें कि बीमा विकल्पों का औनलाइन पता लगाएं और ज्यादा से ज्यादा बचत करें. यहां तक कि आप पारंपरिक तरीके से बीमा खरीद रहे हैं, फिर भी एक बार औनलाइन सर्च जरूर कर लें, ताकि आपको पता चले कि बीमा की सही कीमत कितनी होनी चाहिए. साथ ही आप कई सारे गैर-जरूरी एडऔन को भी हटा सकेंगे और पैसों की बचत कर सकेंगे.

कार की कीमत के हिसाब से तय करें बीमा राशि

कार का बीमा डीलरशिप पर भी खरीदा जा सकता है और औनलाइन भी खरीदा जा सकता है. लेकिन लोग कार के साथ ही डीलरशिप पर इसलिए खरीदना पसंद करते हैं, क्योंकि यह झंझटमुक्त होता है. हालांकि यह बात थोड़ी सच भी है. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अगर आप डीलरशिप पर बीमा खरीदते हैं तो उसकी कीमत कहीं अधिक चुकाते हैं. कई मामलों में तो यह 5,000 से लेकर 35,000 रुपये तक ज्यादा होता है, जो कि कार की कीमत के हिसाब से तय होता है."

नियमों का करें पालन

कई डीलर आपको उन्हीं से बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. वे बताते हैं कि अगर आप उनसे बीमा नहीं खरीदेंगे तो आपको कैशलेस गैराज की सुविधा नहीं मिलेगी या फिर वे कहते हैं कि कार की कीमत में ही बीमा की रकम भी शामिल है और यह आपको कार के साथ मुफ्त दी जा रही है. जबकि यह सच नहीं है. भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने इस संबंध में नियम बनाए हैं और कोई भी डीलर आपको कैशलेस सुविधा देने से इनकार नहीं कर सकता, अगर आपके बीमाधारक ने उससे इस संबंध में समझौता किया हो. यहां तक कि कार की वारंटी भी बीमा कंपनी द्वारा की जाती है और डीलर की इसमें कोई भूमिका नहीं होती है कि वारंटी में क्या कवर होगा या क्या कवर नहीं होगा.

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