स्वीडन की टेलीकौम उपकरण बनाने वाली कंपनी इरिक्सन ने रिलायंस टेलीकौम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बीते बुधवार इरिक्सन ने अनिल अंबानी की कंपनी आरकौम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में ये मांग की गई है कि अनिल अंबानी और दो अन्य निवेशकों के बिना इजाजत विदेश जाने पर रोक लगे. कोर्ट इस मामले पर सुनवाई गुरुवार को करेगी.

दरअसल, आरकौम पर इरिक्सन के 1100 करोड़ रुपयों का बकाया हैं. इससे पहले स्वीडिश कंपनी ने ये मामला नेशनल कंपनी ट्रिब्यूनल (NCLT) के सामने उठाया था. NCLT ने आरकौम को 30 सितंबर से पहले इरिक्सन को 550 करोड़ की रकम चुकाने के आदेश दिए थे, पर रिलायंस पैसे वापस ना कर सकी. इरिक्सन का आरोप है कि रिलायंस कोर्ट का आदेश नहीं मानती. वो चाहते हैं कि रिलायंस के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाए.

इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में रिलायंस कम्युनिकेशन ने कहा कि दुरसंचार न्यायधिकरण से उन्हें राहत दी गई है. रिलायंस ने बकाया वापस करने के लिए 60 दिनों का वक्त मांगते हुए कहा कि वो अपने स्पेक्ट्रम की नीलामी करेंगे, जिससे अदा हुई रकम से वो इरिक्सन की बकाया राशि वापस करेंगे.

इससे पहले रिलायंस ने कहा था कि कंपनी को दिवालिया घोषित करने की सूरत में वो बकाया राशि वापस नहीं कर पाएंगे. जिस पर इरिक्सन ने कोर्ट से ये अपील की थी कि जब तक उनका बकाया ना मिले तब तक आरकौम को दिवालिया घोषित करने की प्रकिया शुरू ना हो.

आपको बता दें कि इरिक्सन ने रिलायंस टेलीकौम के साथ मिल कर 2012 में भारत में अपना काम शुरू किया. दोनों कंपनियों के बीच सात सालों का करार था. इस दौरान आरकौम पर 1100 करोड़ का बकाया हो गया.

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