शेयर बाजार की उड़ान नित नए रिकौर्ड कायम कर रही है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने और आम चुनाव में भाजपा की प्रचार कमान संभालने के बाद उन की आक्रामकता से बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई के सूचकांक को ऐसे पर लगे कि वह अब थम नहीं रहा है और पहले दिन के अपने रिकौर्ड को दूसरे दिन तोड़ कर ऊंचाई की नई छलांग लगा रहा है. इतिहास में पहली बार शेयर बाजार इस कदर आसमान की ऊंचाई को नाप रहा है. मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होते ही बाजार ने पहली बार 27 हजार अंक क आंकड़ा पार किया. उस में कई शेयर थे जिन्होंने 52 सप्ताह में सर्वाधिक ऊंचाई हासिल की. 50 शेयर वाले नैशनल स्टौक एक्सचेंज यानी निफ्टी भी 8 हजार अंक को पार कर गया.

शेयर सूचकांक में यह उछाल पिछले 7 माह से लगातार देखने को मिल रहा है लेकिन पिछले 2 माह से बाजार लंबी छलांग लगा रहा है. 1 जुलाई को सूचकांक 25,576 अंक पर था, 2 सितंबर को यह 27,020 अंक पर पहुंच गया. इस अवधि में रुपए में मजबूती रही लेकिन यह मजबूती शेयर सूचकांक के मुकाबले धीमी गति पर रही. सरकार के 100 दिन पूरे होने पर सूचकांक तो उत्साहित रहा लेकिन रुपया जरूर कमजोर पड़ गया. डौलर के मुकाबले रुपए का उत्साह फीका क्यों रहा, यह सवाल उत्साहित निवेशकों को जरूर परेशान कर रहा है. सितंबर के पहले सप्ताह में बाजार लगातार 11वें सत्र में तेजी पर और रिकौर्ड ऊंचाई पर पहुंचा लेकिन कारोबार के आखिर में मामूली गिरावट पर बंद हुआ.

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