शेयर बाजार में अगस्त की शुरुआत तक लगातार 8 दिन बाजार में गिरावट रही. 8 दिन बाद संसद के मानसून सत्र के पहले दिन संसद भले ही हंगामे की भेंट चढ़ गई लेकिन बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई के कारोबार में हलचल बढ़ गई और लगातार 8 दिन तक गिरावट पर बंद हुआ शेयर सूचकांक 5 अगस्त को पहली बार गिरावट से उबरता हुआ 18 अंक की मजबूती पर आ कर टिका. हालांकि अगले ही दिन 450 अंक के रिकौर्ड स्तर पर गिर गया.

इस से पहले सूचकांक 29 जुलाई को 3 सप्ताह के निचले स्तर पर बंद हुआ था. उस की वजह पहले दिन रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की पूर्व समीक्षा की थी और बैंक का मुख्य ध्यान रुपए की स्थिति में सुधार करने पर था. रुपया पहले ही डौलर के मुकाबले रिकौर्ड स्तर तक गिर चुका है और सरकार का प्रयास अब रुपए की स्थिति में सुधार लाना है. ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है.

आरबीआई गवर्नर सुब्बाराव सितंबर में रिटायर हो रहे हैं. उन की देखरेख में यह आखिरी मौद्रिक नीति बन रही है. कंपनियों के तिमाही परिणाम बेहतर रहे, विदेशी निवेश का डाटा भी अप्रैलमई में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर रहा, साथ ही प्रधानमंत्री ने विदेशी निवेश के प्रवाह को तेज करने के लिए लचीला रुख अपनाने के संकेत दिए, इस के बावजूद बाजार की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही.

बहरहाल, रुपए का गिरना जारी है और 6 अगस्त को इस की वजह से सूचकांक 450 अंक गिर कर 27 जून के बाद सब से निचले स्तर पर पहुंच गया. जब रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन की नियुक्ति की 6 अगस्त की घोषणा का बाजार ने अपने अंदाज में स्वागत किया है.

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