सोमवार के कारोबार में रुपये ने कमजोर शुरुआत की. आज रुपया दिन में डौलर के मुकाबले 68.80 के स्तर पर कारोबार करता देखा गया, हालांकि कुछ मिनटों बाद इसमें थोड़ा सुधार देखने को मिला. रुपए में यह गिरावट आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक से ठीक पहले देखने को मिली है. दिन के 11 बजकर 45 मिनट पर रुपया डौलर के मुकाबले 68.74 पर कारोबार करता देखा गया. गौरतलब है कि शुक्रवार को रुपया डौलर के मुकाबले 68.65 पर बंद हुआ था.
रुपये की कमजोरी से आम आदमी को नुकसान: रुपये का कमजोर होना सीधे तौर पर आम आदमी से सरोकार रखता है क्योंकि इससे आम आदमी को 4 बड़े नुकसान होते हैं. रुपये के कमजोर से होते हैं ये 4 नुकसान.
महंगा होगा विदेश घूमना: रुपये के कमजोर होने से अब विदेश की यात्रा आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी क्योंकि आपको डौलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपये खर्च करने होंगे. फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयौर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डौलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे.
विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी: अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो जाएगा. अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने होंगे. यानी अगर डौलर मजबूत है तो आपको ज्यादा रुपये भेजने होंगे. तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को परेशान कर सकती है.
डौलर होगा मजबूत तो बढ़ेगी महंगाई: डौलर के मजबूत होने से क्रूड औयल भी महंगा हो जाएगा. यानि जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डौलर के मुकाबले) ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे. भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल महंगा होगा तो सीधे तौर पर महंगाई बढ़ने की संभावना बढ़ेगी.
डौलर में होने वाले सभी पेमेंट महंगे हो जाएंगे: वहीं अगर डौलर कमजोर होता है तो डौलर के मुकाबले भारत जिन भी मदों में पेमेंट करता है वह भी महंगा हो जाएगा. यानी उपभोक्ताओं के लिहाज से भी यह राहत भरी खबर नहीं है. यानी आसान शब्दों में भारत का इंपोर्ट बिल (आयात बिल) बढ़ जाएगा.
रुपये की कमजोरी से फायदे भी: ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि रुपये की कमजोरी से सिर्फ नुकसान ही होते हैं, रुपया का कमजोर होना कई मायनों में देश के लिए फायदेमंद भी है. रुपये की कमजोरी यानी डौलर के मजबूत होने से आईटी और फार्मा के साथ औटोमोबाइल सेक्टर को फायदा होता है. इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की ज्यादा कमाई एक्सपोर्ट बेस्ड होती है. ऐसे में डौलर की मजबूती से टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों को फायदा होता है. वहीं डौलर की मजबूती से ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, औयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों को भी फायदा होता है क्योंकि ये डौलर में फ्यूल बेचती हैं.