अमेरिका की ओर से प्रतिबंध लगने से पहले ही ईरान पर दुष्प्रभाव नजर आने लगे हैं. डौलर के मुकाबले ईरानी मुद्रा रियाल की कीमत एक लाख रुपए से भी नीचे गिर गई है. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का पहला चरण सात अगस्त से शुरू होना है. एक फौरेन एक्सचेंज वेबसाइट के मुताबिक, डौलर की तुलना में रियाल की कीमत तेजी से गिरी है. रविवार को एक डौलर 1,11,500 रियाल के बराबर हो गया. रियाल में आई रिकौर्ड गिरावट से ईरान पर बड़ा संकट आ गया है. अब ईरान पर आर्थिक संकट गहरा कर रहा है.

अमेरिकी प्रतिबंध से गिरा रियाल

शनिवार को यह 97,500 रियाल के स्तर पर था. कुछ अन्य वेबसाइट के मुताबिक, रविवार को डौलर का एक्सचेंज मूल्य 1,08,500 से 1,16,000 रियाल के बीच रहा था. कमजोर अर्थव्यवस्था, वित्तीय दिक्कतों और अमेरिकी प्रतिबंध के दुष्प्रभाव से बचने के लिए डौलर की बढ़ी मांग के चलते रियाल में गिरावट आई है.

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चार महीने में आधा हो गया रियाल

ईरान की करेंसी रियाल की पिछले चार महीने में डौलर के मुकाबले कीमत आधी हो गई है. मार्च में रियाल पहली बार 50000 रियाल का स्तर तोड़ा था. हालांकि, सरकार ने अप्रैल में 42000 के करीब इसे स्थिर बनाने की कोशिश की थी. सरकार ने इस दौरान कालाबाजारी रोकने के लिए व्यापारियों को चेतावनी भी दी थी. जानकारी के लिए बता दें कि बीते हफ्ते राष्ट्रपति हसन रूहानी ने केंद्रीय बैंक के चीफ को बदल दिया था. इसका मुख्य कारण संकट से निपटने में असफलता को बताया जा रहा है.

अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध

गौरतलब है कि परमाणु कार्यक्रमों पर नियंत्रण की शर्त के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाने के लिए 2015 में ईरान के साथ अमेरिका और अन्य देशों ने समझौता किया था. इस साल मई में अमेरिका ने खुद को इस समझौते से बाहर करते हुए पुन: प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी. अमेरिका ने विभिन्न देशों को चेतावनी दी है कि वे चार नवंबर से ईरान से तेल आयात बंद कर दें, अन्यथा उन्हें भी अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.

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