केंद्र सरकार को विपक्ष 2 करोड़ लोगों को हर साल रोजगार देने के वादे को पूरा नहीं करने के आरोप पर घेरने में लगा है और हर चुनाव में प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. देश की निजी क्षेत्र की कंपनियों ने इस बारे में सरकार को राहत देने वाला कदम उठाया है. एक सर्वेक्षण कंपनी ने हाल ही में सर्वे कराया है जिस में कहा गया है कि 42 फीसदी कंपनियां अपने कारोबार को गति देने के लिए 15 फीसदी कार्यबल बढ़ाने की योजना पर काम कर रही हैं. यह सर्वेक्षण मारुति सुजूकी, सीमेंस, एअरटेल, शापोली जैसी 881 कंपनियों में कराया गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, 2018-19 में नई नौकरियों के सब से ज्यादा अवसर एक से 5 साल तक के अनुभव रखने वाले युवाओं के लिए होंगे और इन में 42 फीसदी महिलाओं को अवसर दिए जाएंगे.

कंपनियों ने यह सर्वेक्षण 10 महीने तक किया और हर पहलू की बारीकी से पड़ताल की है. मोदी सरकार को इस से काफी राहत मिलेगी और वह विपक्ष को करारा जवाब देने की स्थिति में होगी. बाजार की मांग को देखते हुए अन्य कई उन कंपनियों में भी रोजगार के अवसर होंगे, जिन को सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया गया है. साफ है कि आने वाले दिनों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. चुनावी वर्ष में यह कदम सरकार के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

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