जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक शनिवार (4 अगस्त) को है. इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल करेंगे. इसमें सीमेंट, एसी और बड़े टेलीविजन सेट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम होने की संभावना है. बड़ा फैसला यह हो सकता है पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, जिससे तेल की कीमतों में राहत मिलेगी.
बैठक से एक दिन पहले शुक्रवार को सुशील मोदी की अगुवाई वाले मंत्री स्तरीय समूह ने ‘कैशबैक’ के माध्यम डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत रूपे कार्ड और भीम एप के जरिये डिजिटल भुगतान करने वालों को कैश बैक की सुविधा उपलब्ध होगी. मोदी ने यह भी कहा था कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में लाने पर विचार चल रहा है.
जेटली ने सीमेंट सस्ता होने की जताई थी उम्मीद
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने हाल में कहा था कि राजस्व बढ़ने पर आने वाले समय में सीमेंट, एसी और बड़े टेलीविजन सेट पर जीएसटी दरें कम होंगी. केवल विलासिता और अहितकर उत्पाद ही कर की सबसे ऊंची 28 प्रतिशत की दर के दायरे में रह जाएंगे. जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर एक लेख में कहा था कि जीएसटी से पहले की कर प्रणाली में घरों में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सामान पर 31 प्रतिशत कर लगता था. उन्होंने उसे ‘कांग्रेसी विरासत कर’ का नाम दिया.
जीएसटी राशि का 20% कैशबैक मिलेगा
मंत्री समूह के ‘कैशबैक’ के माध्यम डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद ग्राहक अगर रूपे कार्ड या भीम यूपीआई का उपयोग कर भुगतान करते हैं, उन्हें कुल जीएसटी राशि का 20 प्रतिशत ‘कैशबैक’ मिलेगा. इसकी अधिकतम सीमा 100 रुपये होगी. मंत्रियों के समूह की सिफारिशों को विचार के लिये आज जीएसटी परिषद के समक्ष रखा जाएगा.