ई कौमर्स कंपनियों को लेकर उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों के बाद अब इन कंपनियों को लेकर सरकार अपना रुख सख्त करने जा रही है. जिस तेजी से औनलाइन का बाजार बढ़ा है, उतनी ही तेजी से इन कंपनियों के खिलाफ शिकायतों का दायरा भी बढ़ा है. उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार इन कंपनियों के खिलाफ शिकायतों के मामले पिछले एक साल में 42 प्रतिशत बढ़े हैं.

इस कारण अब सरकार मौनसून सत्र उपभोक्ता संरक्षण विधेयक लाने की तैयारी में हैं. इसके साथ ही मौनसून सत्र के बाद नए नियमों के जरिए इन कंपनियों पर अंकुश लगाने की तैयारी चल रही है. इसके साथ ही वाणिज्य मंत्रालय ने एक थिंक टैक भी बनाया है, जो इस मामले में दिशानिर्देश तय करेगा. नए नियमों के तहत गलत या खराब सामान बेचने पर दो सप्ताह में कंज्यूमर को रिफंड देना होगा और 30 दिन में उसकी शिकायत दूर करनी होगी.

सामान लौटाना होगा आसान

इसके तहत अब सिर्फ एक मेल आईडी पर शिकायत नहीं दर्ज की जाएगी. बल्कि स्टेप बाई स्टेप कंज्यूमर कहां शिकायत करे इसकी पूरी जानकारी देनी होगी. नए नियमों में टूटा हुआ सामान, गलत, नकली या जैसा विवरण वेबसाइट पर दिया था, वैसा सामान नहीं होने पर उपभोक्ता को उसे लौटाने का अधिकार होगा. इस स्थिति में उपभोक्ता को 14 दिन में रिफंड देना होगा. कंपनी को वेबसाइट पर सामान लौटाने की पौलिसी भी प्रदर्शित करनी होगी.

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पंजीकरण के नियम होंगे सख्त

इसके अलावा ई कौमर्स कंपनियों के पंजीकरण के नियम भी सख्त किए जा रहे हैं और रजिस्टर से पहले कंपनी को पूरी जानकारी साइट पर देनी होगी. कंज्यूमर की शिकायतों के लिए एक डायरेक्ट नंबर मुहैया कराना होगा. नए नियमों के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया को बहुत सरल किया जाएगा और कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने होंगे.

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