ए आर रहमान. इस नाम से भला कौन वाकिफ नहीं है. देश के प्रमुख संगीतकारों में से एक ए आर रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को तमिलनाडु में हिंदू परिवार में हुआ था. उनका पहला नाम दिलीप कुमार था. लेकिन उनके दिलीप से ए आर रहमान बनने के पीछे बड़ी ही दिलचस्प कहानी बताई जाती है.
उनका हिंदू से मुस्लिम बनना न ही किसी के प्यार में पड़ने के कारण हुआ और न किसी और दबाव में. हां लेकिन एक वजह जरूर थी, जिसके चलते उन्हें हिंदू से मुसलमान बनना पड़ा. बताया जाता है कि 1989 में रहमान की छोटी बहन काफी बीमार पड़ गई थी, तब डौक्टरों ने कह दिया कि उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं है. इसी बीच रहमान मस्जिदों में अपनी बहन की ठीक होने की मुराद मांगते थे और वे ठीक हो गईं तो उन्होंने इस्लाम को अपना लिया.
वहीं दूसरी ओर उनकी बायोग्राफी ‘द स्पिरिट औफ म्यूजिक’ में यह बताया गया है कि उन्होंने एक ज्योतिषी के कहने पर अपना नाम बदला. रहमान ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें अपना नाम अच्छा नहीं लगता था.
एक दिन जब उनकी मां मेरी और बहन की कुंडली दिखाने एक ज्योतिषी के पास गई तो उस हिंदू ज्योतिषी ने ही उन्हें नाम बदलने की सलाह दी थी. इसके बाद उनका नाम ए आर रहमान पड़ गया. आपको बता दें रहमान को उनकी फिल्म स्लमडौग मिलेनियर के लिए दो औस्कर अवौर्ड से नवाजा गया है. वे दो ग्रैमी अवौर्ड जीतने वाले पहले भारतीय संगीतकार हैं. रहमान को इसके अलावा एक बौफ्टा अवौर्ड, एक गोल्डन ग्लोब, 4 नैशनल फिल्म अवौर्ड, 15 फिल्मफेयर अवौर्ड और 13 फिल्मफेयर साउथ के अवौर्ड मिल चुके हैं.