दरअसल, विद्युत जामवाल की फिल्म 'कमांडो 3' 29 नवंबर को सिनेमाघरों में दिखाई देगी. उसी फिल्म के प्रमोशन के लिए विद्युत जामवाल यमुना नदी किनारे बने इस अखाड़े में आए थे, जिसे भारत के मशहूर पहलवान रहे मास्टर चंदगीराम ने बनवाया था. विद्युत जामवाल ने इस मौके पर अपनी फिल्म 'कमांडो 3' के बारे में बताया और मैट और मिट्टी के अखाड़े पर कुछ उभरते पहलवानों के साथ कुश्ती के दांव भी आजमाए.

उत्तर प्रदेश पुलिस में डीएसपी पद पर कार्यरत  पहलवान जगदीश कालीरमन ने विद्युत जामवाल का स्वागत किया और उन्हें नई फिल्म के लिए शुभकामनाएं दीं. साथ ही' कुश्ती और मार्शल आर्ट्स में समानता बताते हुए कहा कि कोई भी खेल हमारे शरीर को तो फिट रखता ही है, देश को भी मजबूत बनाता है. अब तो बहुत सी फिल्मों में खेल और खिलाड़ी की जिंदगी के बारे में बता कर लोगों का सार्थक मनोरंजन किया है.

vidyut-jamwal

विद्युत् जामवाल तो आते ही छा गए थे. फिल्मी हीरो पर उन का खिलाड़ी मन पूरी तरह हावी था. अखाड़े में उन्होंने मिट्टी को समतल बनाने के लिए उन्होंने फावड़ा उठा लिया और अपने सफेद कपड़ों के खराब होने की भी परवाह नहीं की. एक पहलवान को तो उन्होंने किसी पेशेवर पहलवान की तरह पटक दिया था. इस के बाद विद्युत जामवाल ने मैट पर असली पहलवानों की असली कुश्ती देखी, जबकि जगदीश कालीरमन ने लाइव कमेंट्री की.

vidyut-jamwal

अपनी फिल्म से ज्यादा विद्युत जामवाल ने नई पीढ़ी को स्ट्रांग बनने की सलाह दी और महिला पहलवानों की हिम्मत और जज्बे की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि सिर्फ जिम में जाने और बौडी बनाने से देश मजबूत नहीं बनता है, बल्कि वह देश आगे बढ़ता जिस में पुरुष वहां की महिलाओं का सम्मान करते हैं और उन पर आई मुसीबत में उन का साथ देने के लिए खड़े होते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...