गंभीर आवाज में ‘बरखुरदार’ कहने का वो खास अंदाज भला कौन नहीं पहचानेगा. वह अभिनेता प्राण साहब या प्राण सिकंद हैं, जो अपने बेमिसाल अभिनय से हर किरदार में प्राण डाल देते थे.
फिर चाहे वह ‘उपकार’ में अपाहिज का किरदार हो या ‘जंजीर’ में अक्खड़ पठान का. प्राण ऐसे एक्टर थे जिनका चेहरा हर किरदार को निभाते हुए यह अहसास छोड़ जाता था कि उनके बिना इस किरदार की पहचान मिथ्या है.
साल 1973 में आई डायरेक्टर प्रकाश मेहरा की फिल्म जंजीर सुपरहिट साबित हुई थी. इस फिल्म से किसी को उम्मीद नहीं थी, लेकिन फिल्म ने रिलीज होते ही कई रिकौर्ड अपने नाम कर लिए थे. इस फिल्म में प्राण और अमिताभ की दोस्ती को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया था.
जंजीर के बाद भी अमिताभ और प्राण कई फिल्मों में एक साथ नजर आए. शराबी और अमर अकबर एंथनी जैसी फिल्मों में तो प्राण ने अमिताभ के पिता का किरदार भी निभाया था. रील लाइफ में साथ-साथ कई फिल्म करने के बाद ये दोनों रियल लाइफ में भी काफी अच्छे दोस्त बन गए थे.
लेकिन क्या आप जानते हैं जंजीर फिल्म की शूटिंग के दौरान प्राण अमिताभ बच्चन के लिए ‘यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी’ गाना को शूट नहीं करना चाहते थे. फिल्म में प्राण ने एक पठान का किरदार निभाया था. जिसे इस गाने पर डांस करना होता है. लेकिन प्राण ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थे.
प्राण नहीं चाहते थे कि वो किसी नए स्टार के लिए डांस करें. इसके साथ ही वो फिल्मों में डांस करने से अक्सर बचने की कोशिश भी किया करते थे. जब इस गाने की शूटिंग हो रही थी तो प्राण सेट छोड़कर चले गए.
जिसके बाद फिल्म के डायरेक्टर प्रकाश मेहरा उन्हें मनाकर वापस लाए थे. प्रकाश ने प्राण से कहा तुम्हारे बिना मैं ये फिल्म नहीं बना सकता. अमिताभ बिल्कुल नया है, वो अपने दम पर फिल्म नहीं चला पाएगा.
इससे पहले अमिताभ की कई फिल्में फ्लौप हो चुकी थी. यही वजह थी प्रकाश मेहरा कोई चांस नहीं लेना चाहते थे. खैर, प्राण मान गए और फिर गाने की शूटिंग को पूरा किया गया. फिल्म रिलीज होने के साथ ही हिट हो गई और दोस्ती के ऊपर फिल्माए गए इस गाने की भी खूब तारीफ हुई. इस गाने ने काफी दिनों तक लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता को बनाए रखा.
प्राण साहब का नाम लेते ही जहन में एक अजीब सी छवि आने लगती है क्योंकि प्राण साहब ने आधिकाधिक फिल्मों में निगेटिव किरदार निभाय़ा था, लेकिन असल जीवन में प्राण साहब का व्यक्तित्व बहुत ही सादगी भरा था.