दुनिया का सब से मुश्किल काम लोगों को हंसाना है, और वह भी यदि बिना बोले सिर्फ अपनी भावभंगिमा से हंसाना तो यह अति मुश्किल है, मगर चार्ली चैपलिन को इस में महारत हासिल थी. आज ओटीटी और नेटफ्लिक्स के जमाने जिस भयावह शोर और चीखों के दौर से हम गुजर रहे हैं, उस के बीच चार्ली चैपलिन की खामोश फिल्मों की छोटीछोटी क्लिप्स जब सोशल मीडिया के किसी प्लेटफौर्म पर दिख जाती हैं तो ऐसा जान पड़ता है मानों तपते रेगिस्तान में बारिश की फुहारें पड़ गई हों. चार्ली चैपलिन एक ब्रिटिश हास्य अभिनेता, निर्माता, लेखक, निर्देशक और संगीतकार थे, जिन्हें व्यापक रूप से स्क्रीन के सब से महान हास्य कलाकार और मोशन-पिक्चर के इतिहास में सब से महत्वपूर्ण हस्तियों में से एक माना जाता है. वे अपने स्क्रीन व्यक्तित्व, द ट्रैम्प के माध्यम से दुनिया भर में एक आइकन बन गए.
बोलती फिल्में चाहे वे ब्लैक एंड वाइट थीं या रंगीन, उन में गिनीचुनी कुछ ही फिल्में हैं जो हमें हंसा गईं, गुदगुदा गईं, वरना अधिकांश में वही रोनाधोना, लड़ाईझगड़ा, साजिशें, मिलान और जुदाई, चीखनाचिल्लाना, मारकाट और कानफोड़ू संगीत भरा पड़ा है. फिर चाहे हमारा देसी सिनेमा हो या विदेशी. परंतु खालिस हंसी का मजा लेना हो तो उस दौर में गोता लगाना होगा जहां चार्ली चैपलिन हैं, जहां खामोशी है और उस खामोशी में जबरदस्त खिलखिलाहट है. चार्ली चैपलिन बिना कुछ बोले ही लोगों को हंसाते थे. वे इंग्लैंड की फिल्म इंडस्ट्री में उस दौर के कलाकार थे जब फिल्में साउंड रहित और ब्लैक एंड वाइट होती थीं.
यूट्यूब पर चार्ली चैपलिन की फिल्मों के अनेक वीडियो हैं. एक निर्देशक के रूप में चार्ली की पहली फिल्म थी ‘द किड’. यह फिल्म एक ओर जहां ठहाके लगाने को मजबूर करती है वहीं आप की आंखें भी नम कर जाती है. और यह सब बिना किसी डायलौग डिलीवरी के होता है. उन की सब से मजेदार फिल्म – ‘द गोल्ड रश’ है, जिस में सब से अच्छी कामेडी है. ‘द गोल्ड रश’ मूवी में एक अकेला इन्स्पेक्टर सोने की तलाश में जाता है और वह कुछ दबंग किरदारों के साथ घुलमिल जाता है. ‘द गोल्ड रश’ उन की सब से बड़ी और सब से महत्वाकांक्षी मूक फिल्म है. यह उस समय तक बनी सब से लंबी और सब से महंगी कामेडी फिल्म भी थी.