सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले बहुचर्चित कॉमेडी शो ‘द कपिल शर्मा शो’ का हिस्सा रहे कॉमेडियन सुनील ग्रोवर ने इस शो को बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. सुनील ने गुत्थी, पिंकी भाभी और डॉ. मशहूर गुलाटी जैसे किरदारों से इस शो में चार चांद लगा दिए. बेशक इस शो ने भी सुनील को लाइमलाइट में लाया और घर-घर में एक चर्चित चेहरा बना दिया लेकिन ऐसा नहीं था कि सुनील इसी शो से इंडस्ट्री में आए. अपनी अदाओं से लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने वाले सुनील ने इससे पहले कई शोज में काम किया है.
शो से अलग हुए
कपिल शर्मा के साथ हुए झगड़े के बाद से सुनील छोटे पर्दे से दूर हैं और उनके फैन्स लगातार उनके वापस आने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि इस बात पर लगातार असमंजस बना हुआ है कि क्या सुनील किसी अन्य कॉमेडी शो से वापसी करेंगे या वह खुद का शो लेकर आने वाले हैं. सुनील को कपिल के शो पर लाने और उन्हें मनाने की लगातार कई कोशिशें की गईं लेकिन सुनील नहीं माने. सुनील इससे पहले क्या थे और उन्होंने किन-किन शोज में काम किया है? आइए आपको बताते हैं सुनील ग्रोवर की जिंदगी की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े कई तथ्य जो आपको शायद ही मालूम हों.
सुनील का बैकग्राउंड
सुनील हरियाणा राज्य के सिरसा से हैं और उन्होंने चंडीगढ़ से थिएटर में मास्टर डिग्री ली है. सुनील शादीशुदा हैं और उनका एक बेटा भी है जिसका नाम मोहन ग्रोवर है. जिस सुनील को आज टीवी पर देखते हैं उन्हें असल में उस दौर के मशहूर कॉमेडियन जसपाल भट्टी (फ्लॉप शो के स्टार) ने कॉलेज में एक एक्ट करते हुए देख लिया था. सुनील ने एक बार कहा था कि जो जोक्स में पब्लिक में करता हूं, उन्हें पहले मैं अपनी पत्नी आरती पर आजमाता हूं. यदि वह उन पर हंसती है तो मैं उन जोक्स के साथ आगे बढ़ता हूं, वरना मैं उन्हें लोगों को नहीं सुनाता.
रेडियो से मिली पहचान
सुनील एक लंबा वक्त रेडियो पर भी बिता चुके हैं. एफ एम रेडियो चैनल रेडियो मिर्ची पर आने वाले ‘हंसी के फुव्वारे’ नाम के सेशन में उन दिनों सुनील सुदर्शन (सुड) के नाम से होस्ट किया करते थे. इस शो में फालतू जोक्स को भी मजाकिया अंदाज में बताने का उनका अंदाज लोगों को काफी पसंद आता था. उन्हें रेडियो और टीवी एडवर्टाइजिंग प्रैक्टिशनर एसोसिएशन ऑफ इंडिया से शानदार वॉइस परफॉर्मेंस के लिए अवॉर्ड भी मिल चुका है.
कई सफल फिल्मों में किया काम
सुनील ने भले ही पहला लीड रोल फिल्म कॉफी विद डी में किया हो लेकिन आपको बता दें कि इससे पहले वह प्यार तो होना ही था, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, जिला गाजियाबाद, फैमिली, गब्बर इज बैक और बागी जैसी फिल्मों में छोटे बड़े रोल करते रहे हैं.
डबल मीनिंग जोक्स में असहज
डबल मीनिंग जोक्स को लेकर सुनील बहुत ज्यादा सहज महसूस नहीं करते हैं. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा- डबल मीनिंग जोक्स में सहज महसूस नहीं करता, मुझे यह पसंद नहीं है. सुनील का मानना है कि रील लाइफ और रियल लाइफ में फर्क करना पड़ता है. जब बात टीवी शो की होती है तो हमें हर किसी को एंटरटेन करना होता है, बच्चों से लेकर दादा जी तक को.