‘हीरोपंती’ और ‘बागी’ जैसी सफलतम फिल्मों के निर्देशक शब्बीर खान अब नई ‘‘मुन्ना माइकल’’ लेकर आ रहे हैं. जिसमें बच्चे को उसकी पसंद के क्षेत्र में काम करने के लिए बढ़ावा देने की बात की गयी है. इसी के साथ इस फिल्म में इन दिनों जिस तरह से टीवी पर नृत्य के रियालिटी शो प्रसारित हो रहे हैं, उसी तरह से शब्बीर खान ने अपनी फिल्म में भी नृत्य के रियालिटी शो को पेश किया है. टीवी पर प्रसारित हो रहे रियालिटी शो को लेकर लोग विभाजित हैं. तमाम लोगों की राय में टीवी के रियालिटी शो की वजह से बच्चे दिग्भ्रमित हो रहे हैं. मगर शब्बीर खान टीवी के रियालिटी शो के पक्ष में खड़े हुए हैं.
हाल ही में ‘‘सरिता’’ पत्रिका से खास बातचीत में शब्बीर खान ने टीवी के नृत्य रियालिटी शो पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा – ‘‘मुझे लगता है कि यह बहुत सही कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं, क्योंकि इन कार्यक्रमों में आ रहे बच्चों में एक कला है, जिसे वे टीवी के माध्यम से लोगों के सामने पेश कर रहे हैं. इनमें से जो लोग जीतते हैं, उन्हें इस क्षेत्र में आगे कुछ करने की प्रेरणा मिलती है. लेकिन यह मानना कि इन रियालिटी शो के सभी बच्चे सफल हो जाएं, यह सही नहीं है. ऐसा किसी भी क्षेत्र में नहीं होता है. पूरा हिंदुस्तान क्रिकेट खेलता है. गली गली में आपको बच्चे क्रिकेट खेलते मिल जाएंगे, पर सभी सुनील गावस्कर या सचिन तेंदुलकर या विराट कोहली या एम एस धोनी तो नहीं हो सकते. इसी तरह से डांस या नृत्य भी पूरे देश में लोकप्रिय है. हर बच्चा डांस करना चाहता है. डांस के कितने ट्रेनिंग स्कूल खुले हुए हैं. इसके बावजूद सबको सफलता नहीं मिल सकती. अब हम साल में कम से कम 300 से अधिक फिल्में बनाते हैं, जिनमें से सफलता तो 8-10 फिल्मों को ही मिलती है.’’
शब्बीर खान ने आगे कहा – ‘‘मेरा मानना है कि टीवी के रियालिटी शो से बच्चों के भविष्य पर असर पड़ता है, इस तरह से सोचने की बजाय यह देखना चाहिए कि बच्चा किस तरह की कला में रूचि रखता है? यदि बच्चे को डांस में या संगीत में रूचि है और वो इस तरह के रियालिटी शो से जुड़ रहा है, तो मुझे इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती.’’
जब हमने उनसे कहा कि मगर गली गली क्रिकेट खेलने वाले बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर शोहरत नहीं मिलती, पर डांस के टीवी रियालिटी शो से जुड़ते ही बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर शोहरत मिल जाती है. यह शोहरत कहीं न कहीं इन बच्चे के भविष्य पर असर डालती है? इस पर शब्बीर खान ने कहा – ‘‘देखिए, आप हर चीज को नकारात्मक दृष्टिकोण से क्यों देखते हैं? हमें सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना चाहिए. श्रेया घोषाल, सुनिधि चैहान, अरजीत सिंह यह सारे गायक रियालिटी शो की ही पैदाइश हैं. इनका नाम भी है. इन्हें जबरदस्त शोहरत मिल रही है. इनका करियर भी अच्छा जा रहा है. इनका स्वभाव भी अच्छा है. मेरे कहने का अर्थ ये है कि जब बच्चे को राष्ट्रीय स्तर पर शोहरत मिल जाती है, तो इसके ये मायने नहीं हैं कि वो सफल हो गया. टीवी के रियालिटी शो के खत्म होने के बाद उसे अपने करियर के दृष्टिकोण से इस शोहरत को सकारात्मक ढंग से उपयोग करना पडता है. टीवी के रियालिटी शो से मिली शोहरत के बल पर आप हवा में उड़ेंगें, तो कुछ नहीं होना है. यहां इन बच्चों के माता पिता की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चे का सिर आसमान में न चढ़ाएं. उन्हें जमीन पर रहना सिखाएं. यदि आप नकारात्मक ढंग से सोचेंगे, तो नुकसान होगा. ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के इंसान हैं.’’