बौलीवुड के ‘सीरियल किसर’ कहे जाने वाले अभिनेता इमरान हाशमी ने एक नई राह पकड़ ली है. पिछले तीन चार वर्षों से वह कंटेंट प्रधान सिनेमा पर ध्यान दे रहे हैं. ‘अजहर’ व अंतरराष्ट्रीय फिल्म ‘‘टाइगर’’ के बाद अब फिल्म ‘‘व्हाय चीट इंडिया’’ की है, जिसमें वह चीटिंग माफिया के सरदार बने हुए हैं. 18 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘‘व्हाय चीट इंडिया’’ का निर्माण भी इमरान हाशमी ने स्वयं किया है. इतना ही नही अब वह आगे भी फिल्मों का निर्माण करते रहेंगे.
इन दिनों हर कलाकार फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतर रहा है. इसलिए आपने भी ‘व्हाय चीट इंडिया’ से निर्माता बनने का फैसला कर लिया?
मेरे फिल्म निर्माण में उतरने की वजहें कुछ और हैं. अतीत में कुछ फिल्मों में अभिनय कर मैं संतुष्ट नहीं था. वह फिल्में पटकथा के स्तर पर कुछ अलग थीं, पर बनते बनते कुछ और बन गयी थीं. उन फिल्मों के निर्माण में मैं बहुत ज्यादा योगदान नहीं दे पाया था. क्योंकि मैं सिर्फ कलाकार था. जब आप किसी फिल्म में बतौर कलाकार जुडे़ होते हैं, तो एक सीमा तक ही आप उस फिल्म के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं. हम कलाकार के तौर पर अपने किरदार को निभाने के साथ साथ डबिंग तक ही सीमित रह जाते हैं.
तो मेरे मन में एक बात आ रही थी कि क्यों ना हम अपने मनमुताबिक फिल्म बनाएं. और उस फिल्म से जुड़े हर विभाग पर हमारी अपनी पकड़ हो. फिर वह फिल्म क्या बनती है, यह अलग बात है. उसे सफलता मिलती है या नहीं, यह अलग बात होगी. लेकिन कम से कम मुझे इस बात की खुशी होगी कि मैंने अपनी मर्जी की फिल्म बनायी. क्योंकि उस फिल्म के निर्माण के समय हमें पता रहेगा कि हम कहां गलत रहे, कहां सही ?