तेलगू फिल्म से टीवी और फिर फिल्मों की तरफ रुख करने वाली अदाकारा इशिता दत्ता की पहचान टीवी सीरियल ‘‘बाजीगर’’ से बनी थी. इस सीरियल में उनके पति के किरदार में वत्सल सेठ थे, जो कि अब निजी जीवन में भी उनके पति बन चुके हैं. टीवी सीरियल के बाद जब इशिता दत्ता ने अजय देवगन के साथ फिल्म ‘दृश्यम’ से बौलीवुड में कदम रखा, तब भी उन्हे अच्छी शोहरत मिली.
मगर उसके बाद फिल्म ‘‘फिंरगी’’ ने उनके करियर पर सवालिया निशान लगा दिया. फिर नवंबर 2017 में उन्होंने वत्सल सेठ के संग शादी कर ली. अब वह फिल्म ‘लश्तम पश्तम’’ को लेकर चर्चा में हैं. जो कि दिवंगत अभिनेता ओम पुरी के अभिनय से सजी अंतिम फिल्म है.
आपने टीवी पर ‘बाजीगर’ जैसे लोकप्रिय सीरियल किए. आपको काफी लोकप्रियता मिली. क्या वह लोकप्रियता फिल्मों में भी रही?
ऐसा हुआ. टीवी पर मुझे जो दर्शकों का प्यार मिला, मुझे जो पहचान मिली उसका फायदा मेरी फिल्म ‘दृश्यम’ में मिला था. मुझे ‘दृश्यम’ करने का सबसे ज्यादा गर्व है. यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे लोग आज से 20 साल बाद ही नहीं 50 साल बाद भी देखना पसंद करेंगे. पर मुझे यकीन है कि मेरे करियर में बहुत ग्रोथ होना बाकी है, जो कि होगी.
मगर कपिल शर्मा के साथ असफल फिल्म ‘फिरंगी’ करने का अफसोस होगा?
बिलकुल नहीं. मेरे लिए ‘फिरंगी’ मेरी बहुत बेहतरीन फिल्म है. ‘फिरंगी’ के समय कपिल शर्मा की मीडिया में ईमेज बहुत गड़बड़ा गयी थी. उनकी जिंदगी व करियर में ऐसी चीजें हुई, जिससे मीडिया ने ऐसी खबरें फैला रखी थी कि दर्शक बहुत नाराज थे, जिसका असर फिल्म पर पड़ा. यह आम कामेडी फिल्मों से हटकर बनी थी. निजी जीवन में कपिल शर्मा बहुत ही अच्छे इंसान हैं. जब समय खराब होता है, तो उसका असर फिल्म की सफलता पर पड़ता ही है.
दूसरी बात यह है कि टीवी पर कपिल शर्मा की जो इमेज बन चुकी थी, उसी इमेज में लोग उन्हें फिल्म ‘फिरंगी’ में देखना चाहते थे. जबकि हम लोगों ने फिल्म ‘फिरंगी’ में कपिल शर्मा को कपिल शर्मा की ही तरह दिखाया. जैसे कि मैं कभी नहीं चाहती कि हर फिल्म में मैं ‘दृश्यम’ की लड़की की तरह नजर आउं. वैसे ही कपिल शर्मा ने फिल्मों में कुछ हटकर काम करने की कोशिश की.
टीवी पर जब हम एक किरदार को पांच छह साल तक निभाते हैं, तो लोग हमें सिर्फ उसी किरदार में देखना चाहते हैं. आज भी लोग तुलसी को तुलसी ही बुलाते हैं. इसी तरह लोग कपिल शर्मा को भी हमेशा फनी जोन में ही देखना चाहते हैं. जबकि फिल्म ‘फिरंगी’ में वह सामान्य रूप से नजर आए. लोगों ने पसंद नहीं किया. दर्शकों को कब क्या पसंद आ जाए, कह नहीं सकते.
फिल्म ‘‘लश्तम पश्तम’’ को लेकर क्या कहेंगी?
मानव भल्ला निर्देशित यह एक अलग तरह की फिल्म है. इस तरह का किरदार मैंने पहली बार निभाया है. यह डायना का किरदार है, जो कि दुबई में अपनी बेटी के साथ रहती है. अकेली औरत है. उसकी जिंदगी में बहुत कुछ घट चुका है. यह किरदार बड़ा निराला है, पर निगेटिव किरदार नहीं है. परिस्थितियों ने उसे चिड़चिड़े स्वभाव का बना दिया है. वह बहुत ज्यादा कड़वा बोलती है. एक दिन उसकी जिंदगी में एक लड़का आता है और फिर उसकी जिंदगी बदल जाती है.
इंसान अपनी जिंदगी इतना कड़वा क्यों हो जाता है?
देखिए, संसार में हर इंसान की जिंदगी में उतार चढ़ाव आते हैं. उस उतार चढ़ाव के वक्त जरा सा संतुलन बिगड़ते ही बुरे परिणाम सामने आते हैं. पर ऐसा कोई इंसान नहीं जिसकी जिंदगी में बुरा वक्त नहीं आता. इन दिनों मेरे परिवार में कई लोग बीमार चल रहे हैं. फिर भी मैं काम कर रही हूं, मातम नहीं मना रही हूं. लोग दो चार दिन में स्वस्थ हो जाएंगे. जिंदगी के उतार चढ़ाव के साथ हमें सदैव आगे बढ़ते जाना चाहिए. बैठकर हालात को कोसना नहीं चाहिए. इंसान को धैर्य रखने की जरूरत है. बुरे दिन के बाद अच्छे दिन आते ही हैं.
इसके अलावा क्या कर रही हैं?
सनी देओल की फिल्म ‘ब्लैक’ कर रही हूं, जिसमें मेरे हीरो सिंपल कापड़िया के बेटे करण कापड़िया हैं. मैं इसमें एक्शन करते हुए नजर आउंगी. फिल्म की पचास प्रतिशत शूटिंग हो गयी है. बाकी कुछ समय में होगी. फिलहाल इसी फिल्म के लिए मैं मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रही हूं.
मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग तो आपको फिल्म में एक्शन दृश्य करने के अलावा निजी जीवन में भी मददगार होगी?
जी हां! मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेते हुए मुझे अहसास हुआ कि हर लड़की को मार्शल आर्ट सीखना चाहिए. इससे लड़की/औरत खुद को सुरक्षित रखना सीख जाती है. इसके साथ उसकी सेहत अच्छी रहती है.
किस तरह के किरदार निभाना चाहती हैं?
मुझे निगेटिव किरदार निभाना है. मेरा मानना है कि करियर में निगेटिव व कामेडी किरदार निभाना बहुत कठिन होता है. एक कलाकार के तौर पर मैं निरंतर कुछ अलग करती रहना चाहती हूं.
आपके शौक क्या हैं?
पेंटिंग्स बनाना, कुकिंग करना व फिल्में देखना. इन दिनों मैं ढोकला सहित दूसरी गुजराती डिशेस बनाना सीख रही हूं. मुझे पार्टी में जाना पसंद नहीं है. मैं अपना ज्यादा से ज्यादा समय परिवार के साथ बिताना पसंद करती हूं.
किस तरह की पेंटिंग्स बनाती हैं?
मैंने बीच में पेटिंग बनाना छोड़ दिया था. लेकिन पिछले एक वर्ष से पुनः पेंटिंग बनाना शुरू किया है. अब तक कम से कम 15 पेंटिंग्स बना चुकी हूं. मुझे बादल या आकाश की पेंटिग बनाना अच्छा लगता है. अब धीरे धीरे मैंने पोट्रेट बनाना शुरू किया है. मैं अपने आपको बहुत अच्छा चित्रकार नहीं मानती. मैंने अभी तक पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाने की भी नहीं सोची है. एक दिन मेरे पापा ने कहा था कि वह मेरी पेटिंग को सिर्फ पांच सौ रूपए मे खरीदना चाहेंगे.
अब आप शादीशुदा और अभिनेत्री हैं. ऐसे में परिवार से किस तरह का सपोर्ट मिल रहा है?
बहुत ज्यादा सपोर्ट मिल रहा है. मेरे पिता चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं, पर उन्होंने मुझ पर इस बात के लिए दबाव नहीं डाला. जब मैंने अभिनय करना शुरू किया, तो उन्होंने सपोर्ट किया. मेरे माता पिता हमेशा कहते हैं कि जिसमें खुशी हो वही काम करो. मेरे घर पर सभी पढ़ाकू हैं. पर मैं केमिस्ट्री में फेल हो गयी, तो मुझे दुःख हुआ, मगर मेरे पिता ने गले लगाते हुए कहा कि कोई बात नहीं. जिंदगी में यह सब होता रहता है. अब अगली बार ज्यादा मेहनत कर लेना. इसी तरह ससुराल में मुझे पूरा सपोर्ट मिल रहा है.
सोशल मीडिया पर कितना सक्रिय हैं?
मैं बहुत ज्यादा सक्रिय नही हूं. इंस्टाग्राम पर फोटो डालती रहती हूं. अपने प्रशंसकों से बातें करती रहती हूं. सोशल मीडिया की वजह से दबाव बढ़ा है.