निडर व बेफिक्र कंगना रनौत का जवाब नहीं. वह वही करती हैं, जो उनके मन में हो. कंगना रनौत के साथ काम करना लोगों के लिए सैदव मुश्किल होता है. सर्वविदित है कि पहले केतन मेहता के निर्देशन में बनने वाली झांसी की रानी की बायोपिक फिल्म में कंगना रनौत काम करने वाली थीं. उन्होंने दो वर्ष इसके लिए तैयारी की. मगर ऐन वक्त पर उन्होंने केतन मेहता को ठेंगा दिखाते हुए दक्षिण के फिल्मकार कृष के साथ झांसी की रानी की बायोपिक फिल्म ‘‘मणिकर्णिका’’ करने लगी. जिसमें सोनू सूद ने भी अहम किरदार निभाया है.

वास्तव में सोनू सूद को फिल्म की पटकथा और अपना किरदार काफी अच्छा लगा था. इसके अलावा उन्हें निर्देशक कृष के विजन में यकीन था, इसलिए उन्होंने इस फिल्म में अभिनय करना स्वीकार किया था. फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद सोनू सूद ने दाढ़ी बढ़ाकर फिल्म ‘‘सिम्बा’’ की शूटिंग करनी शुरु कर दी. इस बीच ‘मणिकर्णिका’ में बड़ा बदलाव हो गया. सूत्रों के अनुसार फिल्म के पटकथा लेखक व सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का वरद हस्त हासिल कर कंगना रनौत ने अचानक फिल्म की पटकथा मे कुछ बदलाव कर कुछ दृश्य पुनः फिल्माने के लिए कहा, तो निर्देशक कृष ने फिल्म छोड़ दी. कंगना तुरंत इस फिल्म की निर्देशक भी बन गयीं.

फिल्म के निर्देशक कृष को हटाकर कंगना रनौत ने अब निर्देशक की जिम्मेदारी खुद ही संभाल ली है और पटकथा में परिवर्तन के बाद वह फिल्म के कुछ हिस्से पुनः फिल्माने जा रही हैं. सूत्रों के अनुसार अब कंगना ने फिल्म के कुछ दृश्य पुनः फिल्माने के लिए सोनू सूद को बुलाया. सोनू सूद ने कहा कि वह ‘सिम्बा’ की शूटिंग कर रहे हैं और उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई है. इसलिए कुछ दिन रूक जाएं. पर फिल्म की प्रोडक्शन टीम से सोनू को संदेश दिया गया कि वह सब कुछ छोड़कर दाढ़ी कटवाकर पहले ‘मणिकर्णिका’ के लिए शूटिंग करे. बात इतनी आगे बढ़ गयी कि सोनू सूद ने 'मणिकर्णिका’ को शुभ कामनाएं देते हुए फिल्म छोड़ दी.

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