Kirti Sanon’s Do Patti : वर्ष 2010 में आई अमिताभ बच्चन अभिनीत ‘तीन पत्ती’ जुआ के खेल पोकर से संबंधित थी, मगर नई फिल्म ‘दो पत्ती’ 2 बहनों की राइवलरी पर है. अकसर हम ने देखा है कि जिस घर में 2 किशोरी या युवा होती बेटियां होती हैं उन में आपस में नोकझोक होती रहती है. दोनों बहनों का स्वभाव अलग होता है, एक को मातापिता ज्यादा प्यार करते हैं तो दूसरी को इग्नोर किया जाता है. एक पढ़ाई में तेज होती है तो दूसरी बोर, एक तेजतर्रार होती है तो दूसरी फिसड्डी.

 

हाल ही में स्टार टीवी पर चल रहे एक सीरियल ‘एडवोकेट अंजलि अवस्थी’ में दोनों बहनों को राइवल दिखाया गया है. उन का पिता मृत्युशैया पर है परंतु बहुत अमीर घर में ब्याही बेटी न तो अपने बाप को पहचानती है, न ही पिता के इलाज के लिए अपनी बहन को पैसे देती है.

 

जब घर में 2 बहनें आपस में लगती झगड़ती हों तो यह चोट पूरे परिवार पर लगती है, परिवार तहसनहस हो जाता है. बहनों की इसी राइवलरी को मसालेदार पैकेजिंग में पेश कर प्रस्तुत किया गया है.

 

फिल्म की कहानी एक पहाड़ी इलाके देवीपुर की इंस्पैक्टर विद्या ज्योति (काजोल) से शुरू होती है. विद्या को एक फोनकौल आता है जिस में एक पतिपत्नी की मारपीट के बारे में बताया जाता है. विद्या तहकीकात करने निकल पड़ती है. पता चलता है कि यह तो 2 जुड़वां बहनों सौम्या (कृति सेनन) और शैली (कृति सेनन की दूसरी भूमिका) की कहानी है जो बहनें कम, दुश्मन ज्यादा हैं.

 

सौम्या शांत रहती है, वहीं शैली बिंदास है. सौम्या को एंग्जाइटी के अटैक पड़ते हैं, इसलिए उसे ज्यादा तवज्जुह दी जाती है. शैली से यह बरदाश्त नहीं होता. वह सौम्या के प्यार ध्रुव (शहीर शेख) को भी उस से छीन लेती है. मगर ध्रुव पत्नी के रूप में मौडर्न शैली के बजाय घरेलू सौम्या को चुनता है.

 

इधर शादी के बाद ध्रुव बातबात पर सौम्या को पीटता है और शैली के करीब आने लगता है. उधर अगले दिन सौम्या ध्रुव को पैराग्लाइडिंग पौइंट पर मिलती है. वह ध्रुव को अपने साथ पैराग्लाइडिंग पर चलने को कहती है. ध्रुव उस से कन्फैस करता है कि उसे अब लाइफ में सैटल होना है जबकि शैली उस से कहती है कि वह सौम्या से शादी न करे मगर उस की शादी सौम्या से हो जाती है. ध्रुव और शैली में अनबन होती रहती है.

 

तहकीकात करती विद्या जब वहां पहुंचती है तो उसे बताया जाता है कि शादी के 2-3 महीने बाद डोमैस्टिक वौयलैंस शुरू हो गया था. दरअसल शैली सौम्या की शादी को तुड़वाना चाहती थी. वह बहाने बना कर सौम्या के पति के साथ संबंध बनाना चाहती थी. विद्या उसे सलाह देती है कि जब तक वह कोई शिकायत नहीं करेगी, ऐक्शन नहीं लिया जाएगा.

 

एक रात ध्रुव सौम्या से इंटीमेट होने की कोशिश करता है तो वह कहती है कि वह उस के बच्चे की मां बनना चाहती है. सुबह ध्रुव सौम्या से माफी मांगता है. बच्चों की बात सुन कर ध्रुव को लगता है कि उस ने गलत बहन का चुनाव किया है. यहां फिर ध्रुव सौम्या को मारतापीटता है. सौम्या सीढि़यों से गिर जाती है. सौम्या किसी तरह उठती है और खुद ही डाक्टर को दिखा लाती है. तभी विद्या कौंस्टेबल को आदेश देती है कि पता लगाओ कि ध्रुव के खिलाफ कितने केस हैं.

 

दरअसल सौम्या डिप्रैशन की पेशेंट थी. थाने में सौम्या बताती है कि वह प्रैग्नैंट है. ध्रुव उस से माफी मांगता है और कहता है, कल से नई शुरुआत करेंगे. फाइनली सौम्या पुलिस को बता देती है कि ध्रुव ने पैराग्लाइडिंग करते वक्त उसे मारने की कोशिश की थी. ध्रुव को जेल में डाल दिया जाता है. कोर्ट में यह प्रूव हो जाता है कि सौम्या मानसिक रूप से बीमार है और उसे ऊंचाई से डर लगता है. केस सौल्व हो जाता है. शैली सौम्या की उबरने में मदद करती है.

 

इस कहानी की पटकथा रोचक है. कई ट्विस्ट्स और टर्न डाले गए हैं. कहानी धीरेधीरे खुलती जाती है, कोर्टरूम ड्रामा भी है जो कमजोर है. कहानी का आइडिया ऐक्ट्रैस कृति सेनन का है. शहीर शेख का काम अच्छा है. खूबसूरत वादियों में फिल्माई गई इस फिल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है. पार्श्व संगीत अच्छा है. फिल्म बेटियों को संदेश देती है कि बहनें आपस में मिलजुल कर रहें, एकदूसरे का हक न मारें.

 

 

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...