बौलीवुड में औरतों द्वारा प्रतिशोध लेने पर बहुत सी फिल्में बनी हैं, जिन में डिंपल कपाडि़या की ‘जख्मी औरत’ और रेखा की ‘खून भरी मांग’ काफी चर्चित और सफल रही हैं. औरतों द्वारा प्रतिशोध लेने के साथसाथ अगर फिल्म में सैक्स का तड़का भी लगा हो तो फिल्म को अच्छा रिस्पौंस मिलता है. ‘हेट स्टोरी 2’ भी ऐसी ही फिल्म है.
यह फिल्म विक्रम भट्ट की फिल्म ‘हेट स्टोरी’ का सीक्वल है. पिछली फिल्म में नायिका पाउली दाम ने खूब गरमागरम सीन दिए थे, साथ ही वह अपने प्रेमी से प्रतिशोध लेती दिखाई दी थी. ‘हेट स्टोरी 2’ में हालांकि बोल्ड सीन पहली फिल्म की अपेक्षा कम हैं लेकिन फिल्म का प्रचार ऐसे किया गया मानो यह हौट फिल्म हो. इस फिल्म में सनी लियोनी पर फिल्माया गया एक हौट गाना जरूर है. फिल्म के प्रचार के लिए इसी गाने का सहारा लिया गया है.
फिल्म की कहानी कमजोर है. यह कहानी सीधेसीधे औरत के प्रतिशोध की है. कहानी के बीचबीच में आए फ्लैशबैक कहानी को डिस्टर्ब करते हैं. कहानी में कोई घुमावफिराव भी नहीं है. सोनिका (सुरवीन चावला) के मातापिता की मृत्यु हो चुकी है. उस की दादी सोनिका को मुंबई के एक बाहुबली नेता मंदार (सुशांत सिंह) के पास छोड़ आती है ताकि वह उस का गार्जियन बन कर उस की देखभाल कर सके. मंदार सोनिका को अपनी रखैल बना कर आलीशान कोठी में रखता है. इस नारकीय जिंदगी से निजात पाने के लिए सोनिका फोटोग्राफी स्कूल जौइन करती है. वहां उस की मुलाकात अक्षय (जय भानुशाली) से होती है. दोनों में प्यार हो जाता है. दोनों मुंबई से भाग कर गोआ आ जाते हैं.
एक दिन मंदार को इन दोनों के गोआ में होने का पता चलता है तो वह वहां पहुंच कर अक्षय को मार डालता है और सोनिका को जिंदा ही कब्र में गाड़ देता है. किसी तरह सोनिका बच निकलती है. फिर वह अक्षय के कातिलों को एकएक कर मार डालती है. अंतत: वह मंदार तक भी पहुंच जाती है और उसे खत्म कर अपना प्रतिशोध पूरा करती है. वैसे तो यह पूरी फिल्म सुरवीन चावला और सुशांत सिंह के इर्दगिर्द घूमती है. सुरवीन चावला ने बेहतरीन काम किया है. यदि उस की तुलना फिल्म के फर्स्ट पार्ट की हीरोइन पाउली दाम से की जाए तो सुरवीन चावला उस से कमजोर ही कही जाएगी.
फिल्म का निर्देशन कुछ हद तक ठीक है. फर्स्ट हाफ में निर्देशक दर्शकों को बांधे रख सकता है परंतु सैकेंड हाफ में उस के हाथ से ग्रिप छूटती नजर आती है. क्लाइमैक्स भी एकदम सपाट है. फिल्म का हीरो जय भानुशाली टीवी स्टार है. उस ने निराश किया है. उस ने सिर्फ गानों पर ही परफौर्म किया है. इंस्पैक्टर की भूमिका में सिद्धार्थ खेर का काम अच्छा है. सुशांत सिंह नैगेटिव भूमिका में जंचा है.
फिल्म के संवाद अच्छे हैं. सुरवीन की संवाद अदायगी व एक्सप्रैशंस अच्छे हैं. फिल्म में एक गाना 1988 की फिल्म ‘दयावान’ के गाने ‘आज फिर तुम पर प्यार आया’ को रीमिक्स कर बनाया गया है. इसे युवाओं को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. दूसरा गाना सनी लियोनी पर है जो हौट है. छायाकार ने गोआ की खूबसूरती को दिखाया है.